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सात साल की बच्ची हुई जीका वायरस का शिकार, नवजात शिशुओं का रखें खास ख्याल

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 14 Jul, 2022 11:05 AM
सात साल की बच्ची हुई जीका वायरस का शिकार, नवजात शिशुओं का रखें खास ख्याल

कोरोना संकट के बीच  जीका वायरस ने एक बार फिर आतंक मचाना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र के पालघर जिले में सात साल की एक बच्ची जीका वायरस से संक्रमित पाई गई है, जो बेहद चिंता का विषय है। राज्य में एक साल के बाद जीका वायरस के संक्रमण का मामला सामने आया है।

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राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जानलेवा जीका वायरस से संक्रमित पाई गई बच्ची मुंबई से सटे पालघर जिले की तलासरी तालुका में एक आश्रम शाला (आदिवासी बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय) में रहती है। लड़की बुखार से पीड़ित थी जिसके बाद उसकी जांच की गयी थी। रिपोर्ट में वह जीका वायरस से संक्रमित पाई गयी है

राज्य के स्वास्थ्य निगरानी अधिकारी प्रदीप अवाटे ने बताया कि बच्ची में  बीमारी का अब कोई लक्षण नहीं है और वह ठीक है। गौरतलब है कि इससे पहले जुलाई 2021 में राज्य के पुणे में जीका वायरस का पहला मामला सामने आया था। जीका वायरस एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है यहीं मच्छर यैलो फीवर, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां भी फैलाता है।

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जीका वायरस के लक्षण

जीका वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड (लक्षण दिखने में लगने वाला समय) 3 से 14 दिनों का होता है और अधिकतर लोगों में कोई वास्तविक लक्षण नहीं दिखता है। इसमें 

. बुखार व आंखें लाल होना
. हाथ और पांव में सूजन व जलन
. त्वचा पर चकत्ते
. सिरदर्द
. मांशपेशियों में ऐंठन
. जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं।


नवजात शिशुओं को ज्यादा खतरा

जीका वायरस गुलियन बैरी सिड्रोम पैदा करने के लिए भी जाना जाता है। इसके कारण बच्चों का दिमाग पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता। यह नवजात बच्चों में पैदाइशी असामान्यता भी पैदा करता है। यह सिंड्रोम शरीर की तंत्रिका पर हमला कर रोगी को लकवे का शिकार भी बना सकती है। 
ब्राजील में 2015 में जीका वायरस बड़े पैमाने पर फैल गया था, जिससे 1600 से अधिक बच्चे विकृति के साथ पैदा हुए थे।

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जीका वायरस से ऐसे बचांए अपने परिवार को


1. घर से बाहर ही नहीं बल्कि अंदर भी शरीर को कपड़ों से पूरी तरह से ढककर रखें।
2. घर के आसपास पानी जमा न होने दें क्योकि बीमारी फैलाने वाले मच्छर गंदगी में ही पनपते हैं।
3. मच्छरों से बचने वाली क्रीम लगाएं। साथ ही दिन के समय बच्चों को बाहर ना जाने दें।
4. सुबह-शाम मोस्कीटो किलर का इस्तेमाल करें।
5. अगर 2 हफ्तों से ज्यादा बुखार हो तो उसे हल्के में ना लें और वायरस की जांच करवाएं
6.  खिड़की दरवाजें बंद रखें

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