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वैज्ञानिकों की चेतावनी, 6 से 8 महीने में आएगी कोरोना की तीसरी लहर

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 20 May, 2021 11:02 AM
वैज्ञानिकों की चेतावनी, 6 से 8 महीने में आएगी कोरोना की तीसरी लहर

कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने भारत में कोहराम मचा रखा है लेकिन भारत में जुलाई तक कोविड -19 की दूसरी लहर घटने की उम्मीद जताई जा रही है। परेशानी वाली बात तो यह है कि भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने लगभग 6 से 8 महीनों में महामारी की तीसरी लहर आने की आशंका जाहिर की है, जिसके बाद हर राज्य में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

किन राज्यों ने किया शिखर?

SUTRA मॉडल का इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की कि मई के अंत में प्रति दिन लगभग 1.5 लाख मामले दिखाई देंगे और जून के अंत में दैनिक आधार पर 20,000 मामले सामने आएंगे। वैज्ञानिकों का कहना है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र,  कर्नाटक, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, केरल, उत्तराखंड, सिक्किम, गुजरात और गोवा जैसे राज्य में तीसरी लहर अपना चरम सीमा पर आ चुकी है।

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. मॉडल से पता चलता है कि तमिलनाडु 29 से 31 मई के बीच अपने चरम पर होगा जबकि पुडुचेरी 19-20 मई को अपने चरम पर रहेगा।

. असम 20-21 मई तक चरम पर पहुंच सकता है। मेघालय 30 मई को चरम पर पहुंच सकता है जबकि त्रिपुरा के 26-27 मई तक चरम पर पहुंचने की संभावना है।

. उत्तर में, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में वर्तमान में मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। हिमाचल प्रदेश में 24 मई तक और पंजाब में 22 मई तक मामले चरम पर पहुंच सकते हैं।

तीसरी लहर के लिए कितना तैयार देश?

जहां एक तरफ कोरोना की दूसरी लहर से स्थिति भयावह हैं वहीं, देश में हजारों लोग ऑक्सीजन सिलेंडर के अभाव में भटक रहे हैं। इसके अलावा ब्लैक फंगस और टीके के कारण होने वाले साइड-इफेक्ट ने भी चिंता बढ़ा रखी है। ऐसे में सवाल उठता है कि तीसरी लहर के लिए भारत कितना तैयार है। हालांकि आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल का कहना है कि टीकाकरण के कारण कम से कम अक्टूबर 2021 तक तीसरी लहर ना आने की उम्मीद है, जिससे स्थिति को संभालने के लिए देश को थोड़ा समय मिल जाएगा।

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वैज्ञानिकों की चेतावनी

वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर एंटीबॉडी खत्म हो जाती है, तो इम्यूनिटी कम होने की आशंका है। ऐसे में वैक्सीनेशन बढ़ाया जाना चाहिए। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ धोना, मास्क पहनना जैसे नियमों का सख्ती से पालन होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता तो तीसरी लहर जल्द आने की संभावना है, जिसे रोकना लगभग मुश्किल हो जाएगा।

बच्चों और युवाओं के लिए खतरा बनी दूसरी लहर

कोरोना की दूसरी लहर खासकर बच्चों और युवाओं के लिए बहुत घातक साबित हुई। महाराष्‍ट्र और कर्नाटक से मिले आंकड़े के मुताबिक, जहां कोरोना के कारण युवाओं ने अपनी जान गवाई वहीं, बच्चों में इसके लक्षण देखने को मिले। हालांकि बच्चों में इसके लक्षण ज्यादा गंभीर नहीं थे।

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