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रितु करिधल और एम वनीता संभालेंगी चंद्रयान 2 मिशन की कमान

  • Edited By khushboo aggarwal,
  • Updated: 21 Jun, 2019 02:38 PM
रितु करिधल और एम वनीता संभालेंगी चंद्रयान 2 मिशन की कमान

भारत की महिलाओं ने पुरुषों के समान काम करके कई तरह के उदाहरण पेश किए हैं, लेकिन 15 जुलाई सुबह 2 बजकर 21 मिनट पर जो उदाहरण भारत की दो महिलाओं को ओर से पेश किया जाएगा वह हर उस महिला को प्रेरित करेगा जो साइंस की दुनिया में आगे बढ़ना चाहती हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसांधन संगठन ( इसरो ) की ओर से दूसरी बार चांद पर 15 जुलाई सुबह 2 बजकर 21 मिनट पर उपग्रह भेजा जा रहा है। मिशन चंद्रयान 2 के तहत उपग्रह आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा से लांच होगा।  इस मिशन की पूरी कमान  दो महिला वैज्ञानिकों रितु करिधल श्रीवास्तव व एम वनीता के हाथ में हैं। 

इस मिशन में रितु करिधल डायरेक्टर और एम वनीता प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर नियुक्त हैं। इससे पहले भी कई अंतरिक्ष प्रोजेक्ट में दोनों अपनी भूमिकाएं अदा कर चुकी हैं। भारत की ओर से अक्टूबर 2008 में पहली बार चांद पर उपग्रह भेजा गया, तब यह चंद्रमा के ऑर्बिट यानि कक्षा में स्थापित हो गया था लेकिन सतह पर नही उतर पाया था। जिस तरह से चंद्रमा धरती की परिक्रमा करता है उसी तरह यह उपग्रह चंद्रमा की परिक्रमा करता हैं। 

रॉकेट वुमन ऑफ इंडिया: रितु करिधल 

लखनऊ की रहने वाली रितु ने इंडियन इंस्टिट्यूट से एरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर्स की हैं। रितु रॉकेट वुमेन ऑफ इंडिया के नाम भी जानी जाती हैं। इस मिशन में उनका काम चंद्रयान 2 के ऑर्बिट में स्थापित होने के बाद शुरु होगा। जब उनकी टीम सफलतापूर्वक उतारने के लिए जरुरी फैसले लेगी। जिसमें रितु व उनकी टीम का पूरा सहयोग रहेगा। इन्हें 2007 में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों से इसरो यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड भी मिल चुका हैं।उनका सबसे महत्वपूर्ण मिशन मार्स ऑर्बिटर रहा हैं। इसमें वह डिप्टी ऑपरेशंस डायरेक्टर की भूमिका निभा चुकी हैं। 

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बेस्ट वुमन साइंटिस्ट : एम वनीता 

एम वनीता को इस मिशन में 18 महीने पहले ही प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर नियुक्त किया गया है, इससे पहले वह एसोसिएट डायरेक्टर के पद पर रह कर काम कर रही थी। सालो से वह सेटेलाइट डिजाइन पर करती रही हैं। इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम इंजीनियर वनीता इसके साथ ही मशीनों व बाकी उपकरणों की असेम्बलिंग का काम भी देखेगीं। इससे पहले वह कई सेटेलाइट प्रोजेक्ट्स को लीड कर चुकी हैं। 2006 में उन्हे एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी ऑफ इंडिया की ओर से बेस्ट वुमन साइंटिस्ट का अवॉर्ड मिल चुका हैं। 2019 में इंटरनेशनल साइंस जर्नल की ओर से सबसे प्रॉमिसिंग वैज्ञानिकों की लिस्ट में एम वनीता भी शामिल हैं। 

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क्या है चंद्रयान 

15 जुलाई को लांच होने के बाद 6 या 7 सितंबर को यह चंद्रमा पर उतरेगा। इस मिशन में लगभग 1000 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।  उपग्रह चंद्रमा के दक्षिणी सतह पर उतरकर वहां के सैंपल इकठ्ठा करेगा, क्योंकि इससे पहले इस भाग पर कोई चंद्रयान नहीं उतारा गया है। चंद्रयान-2 बेहद ख़ास उपग्रह है क्योंकि इसमें एक ऑर्बिटर है, एक 'विक्रम' नाम का लैंडर है और एक 'प्रज्ञान' नाम का रोवर है। पहली बार भारत चांद की सतह पर 'सॉफ़्ट लैंडिंग' करेगा जो सबसे मुश्किल काम होता है।

 

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