हैल्थ से जुड़ी कुछ समस्याएं ऐसी होती हैं जो सिर्फ महिलाओं को होती है और कुछ समस्याएं इतनी पर्सनल होती हैं कि महिलाएं शर्म के मारे इस पर खुलकर बात नहीं करती। जैसे वेजाइनल इंफेक्शन, प्राइवेट पार्ट में खुजली और जलन। ज्यादातर महिलाएं इस पर समय रहते बात नहीं करती, नतीजा यह समस्या ज्यादा बढ़ जाती है।
बहुत सी महिलाओं को प्राइवेट पार्ट में खुजली, जलन और डिस्चार्ज की समस्या होती है। ऐसे होने के बहुत से कारण हो सकते हैं। अगर वेजाइना से गाढ़े रंग का बदबूदार डिस्चार्ज, खुजली-जलन और प्रभावित हिस्से पर लाल रंग के रैशेज़ हो रहे हैं तो यह यीस्ट इंफेक्शन हो सकती है।
4 में से 3 महिलाओं को होती है यीस्ट इंफेक्शन
वैसे यह एक सामान्य सी समस्या है। आकंड़ों की मानें तो 4 में से 3 महिलाएं को कभी ना कभी ये प्रॉब्लम जरूर होती है। जब इंफेक्शन होती है तो वेजाइना में दर्द, तेज खुजली होती है जो उन्हें बेहद असहज कर देती है। खुजली होने के भी कई कारण हो सकते हैं जैसे:
आप प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखतीं।
कैमिकल वाली चीजें यूज करती हैं।
टाइट व सिंथेटिक इनरवियर पहनती है।
खराब रेजर का इस्तेमाल करती हैं
पीरियड्स के दिनों में सफाई नहीं रखती।
इसके अलावा भी और बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे...
हार्मोंस की गड़बड़ी से, प्रेगनेंसी के दौरान, डायबिटीज पेशेंट महिला और ज्यादा मीठा खाने से भी यह इंफेक्शन हो सकती हैं।
मेनोपॉज के बाद इंफेक्शन के चांसेज ज्यादा
मनोपॉज़ के बाद स्त्रियों के शरीर में प्रोजेस्टेरॉन और एस्ट्रोजेन नामक फीमेल हॉर्मोन की मात्रा घटने लगती है। इन हॉर्मोन्स की कमी के कारण कुछ तत्वों का सिक्रीशन बहुत कम या बंद हो जाता है, जिससे वजाइना में ड्राइनेस की समस्या शुरू हो जाती है और इसी वजह से कुछ स्त्रियों में इस समस्या के लक्षण नज़र आने लगते हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान यीस्ट इन्फेक्शन
प्रेगनेंसी के दौरौन भी महिला के शरीर में हार्मोंनस बदलते हैं जिससे इंफेक्शन की आशंका बढ़ जाती है।
डायबिटीज पेशेंट महिला को यीस्ट इन्फेक्शन
डायबिटीक पेशेंट का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। इन मरीजों में कोई भी इंफेक्शन बहुत जल्दी होता है और एक बार इंफेक्शन होने पर इसे ठीक करना भी थोड़ा मुश्किल भरा होता है इसलिए डायबिटीक महिला को पर्सनल हाइजीन का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।
क्या अधिक मीठा खाने से भी ऐसी समस्या होती है?
काफी हद तक यह सही भी हैं क्योंकि यीस्ट नामक फंगस शरीर में मौज़ूद अतिरिक्त शुगर को ही अपना भोजन बना लेता है इसलिए अधिक मात्रा में मीठी चीज़ों का सेवन करने से भी यह इन्फेक्शन हो सकती हैं। आपको बता दें कि ये कैंडिडा एल्बीकैंस नामक फंगस होता है जो बढ़ने पर खुजली, जलन और रैशेज़ जैसी समस्याएं करता है। आमतौर पर इस फंगस से स्त्री के शरीर को कोई नुकसान नहीं होता। शरीर का इम्यून सिस्टम इनकी संख्या को नियंत्रित रखता है लेकिन कई बार एंटी-बायोटिक्स के सेवन से हानिकारक के साथ शरीर के लिए आवश्यक बैक्टीरिया भी तेज़ी से नष्ट होने लगता है, जिससे कैंडिडा एल्बीकैंस नामक फंगस को फैलने का पूरा मौका मिल जाता है, नतीजतन स्त्रियों के शरीर में यीस्ट इन्फेक्शन के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।