साल का पहला सूर्य ग्रहण तीस अप्रैल को लगने जा रहा है। यह शाम छह बज कर लगभग 45 मिनट पर शुरू होगा जो एक मई को रात सवा 12 बजे तक रहेगा।ये भारत में नहीं दिखाई देगा और ना ही इसका सूतक काल माना जाएगा । लेकिन इस दौरान कुछ सावधानियों का रखना बहुत जरूरी है। कहा जाता है कि किसी भी ग्रहण का प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर सबसे ज्यादा पड़ता है, ऐसे में उन्हे ध्यान रखना चाहिए। आइए जानें प्रेग्नेंट महिलाएं किस तरह रखें अपना ध्यान
ग्रहण की छाया से बचे महिलाएं
ऐसा माना जाता है कि अगर गर्भवती महिला सूर्य ग्रहण को देख लेती है तो इसकी छाया का सीधा असर उसके बच्चे पर पड़ता है। जिससे उसके शरीर पर निशान या फिर कोई शारीरिक विकार पैदा हो सकता है। गर्भस्थ शिशु को ग्रहण की छाया से बचाना चाहिए।
इन चीजों को बिल्कुल का करें प्रयोग
-ग्रहण के दौरान जब तक इसकी छाया खत्म नहीं हो जाती गर्भवती महिला को नुकीली चीज को छूना भी मना होता है।
-अगर वह इस समय कैंची,चाकू या फिर कोई और नुकीली चीज का इस्तेमाल करती है तो बच्चे के अंगों को हानि हो सकती है।
-सूर्य ग्रहण काल में बिल्कुल भी सोए नहीं गर्भवती महिलाएं।
-हिंदू मान्यताओं के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में खाना नहीं खाना चाहिए।
पाठ कर सकती हैं महिलाएं
कहा जाता है सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घास पर बैठना चाहिए और इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण से पहले और बाद में स्नान जरूर करना चाहिए ताकि सूर्य ग्रहण का प्रभाव उन पर न पड़े। ग्रहण के दौरान महिला को पाठ करने की सलाह दी जाती है। वह मुंह में तुलसी रखकर दुर्गा स्तुति का पाठ कर सकती है।
इस वक्त लगेगा ग्रहण
सूर्य ग्रहण हमेशा एक स्थान पर शुरू होता है और पृथ्वी के घूमने के कारण दूसरे स्थान पर समाप्त होता है। आंशिक सूर्य ग्रहण शाम छह बज कर लगभग 45 मिनट पर सार्वभौमिक समय से शुरू होगा जो एक मई को रात सवा 12 बजे तक रहेगा। भारत में यह रात दो बज कर करीब 11 मिनट पर शुरू होकर तड़के चार बज कर करीब सात मिनट पर समाप्त होगा।