
नारी डेस्क : करवा चौथ का पर्व इस साल 10 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करते हुए व्रत रखती हैं। लेकिन जब बात गर्भवती महिलाओं की आती है, तो यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या प्रेग्नेंसी के दौरान करवाचौथ का व्रत रखना सुरक्षित है या नहीं।
क्या प्रेग्नेंसी में व्रत रखना सही है?
अक्सर महिलाएं बताती हैं कि उनकी सास या परिवार की अन्य महिलाओं ने गर्भावस्था में भी व्रत रखा और उन्हें कोई समस्या नहीं हुई। लेकिन यह जरूरी नहीं कि सभी के लिए स्थिति समान हो। डॉक्टरों का मानना है कि हर महिला का शरीर अलग होता है और प्रेग्नेंसी के दौरान स्वास्थ्य की परिस्थितियां भी भिन्न होती हैं। ऐसे में बिना डॉक्टर की सलाह के व्रत रखना कई बार मां और बच्चे दोनों के लिए जोखिम भरा हो सकता है।

किन परिस्थितियों में व्रत न रखें?
गर्भवती महिलाओं को करवाचौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए अगर
उन्हें बीपी (Blood Pressure) की समस्या है।
थायरॉइड या शुगर (Diabetes) की परेशानी है।
खून की कमी (Anemia) है।
डॉक्टर ने किसी कारण से उन्हें नियमित मेडिकेशन और न्यूट्रिशन लेने की सलाह दी है।
अगर व्रत रखें तो किन बातों का ध्यान रखें?
कुछ महिलाएं भावनात्मक या पारंपरिक कारणों से करवा चौथ का व्रत रखना चाहती हैं। ऐसे में पूरी तरह निर्जला व्रत रखने के बजाय हल्का उपवास करना बेहतर विकल्प है। दिनभर में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में नारियल पानी, नींबू पानी, दूध या शिंकजी लिया जा सकता है। सरगी में पोषणयुक्त आहार जैसे ओट्स, दलिया, पोहा, फल और ड्राई फ्रूट्स जरूर शामिल करें। पर्याप्त आराम करें और अधिक शारीरिक परिश्रम से बचें। अगर किसी भी समय बच्चे की मूवमेंट सामान्य से कम लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

करवा चौथ व्रत आस्था और परंपरा का प्रतीक है, लेकिन गर्भवती महिला और उसके शिशु की सेहत सबसे जरूरी है। इसलिए अगर आप प्रेग्नेंट हैं और व्रत रखने का मन है, तो पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।