03 NOVSUNDAY2024 3:11:03 AM
Nari

Single Child की परवरिश में ना करें ये गलतियां, पड़ सकता है बच्‍चे की पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर असर

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 05 Dec, 2022 04:31 PM
Single Child की परवरिश में ना करें ये गलतियां, पड़ सकता है बच्‍चे की पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर असर

घर में एक से ज्‍यादा बच्‍चे होने पर वे एक दूसरे के साथ खेलते,लड़ते-झगड़ते, शेयरिंग, टींजिंग और सोशल स्किल जैसी बहुत सी बातें सीख जाते हैं। लेकिन अगर घर पर इकलौता बच्‍चा है तो उसकी परवरिश थोड़ी मुश्किल हो जाती है। इकलौते बच्‍चों पर अगर ध्‍यान न दिया जाए तो वे कई बार अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं। कई बार इकलौते बच्‍चे या तो बहुत जिद्दी या समय से पहले मैच्‍योर हो जाते हैं। ऐसे में उन्‍हें कितना पैंपर करना हैं और उनकी किन बातों पर उन्‍हें रोकना और समझाना है, ये समझना बेहद जरूरी है। तो आइए जानते हैं सिंगल चाइल्‍ड की पेरेंटिंग से जुड़ी कुछ बातें।

PunjabKesari

ओवरप्रोटेक्टिव होने से बचें

प्रोटेक्टिव होना अच्‍छा है मगर ओवर प्रोटेक्टिव होने से पेरेंट्स को बचना चाहिए। अक्‍सर देखा गया है कि इकलौते बच्‍चे के पेरेंट्स उन्‍हें कोई भी काम अकेले करने देने में हिचकिचाते हैं। वे बच्‍चों के इर्द गिर्द अपनी प्रोटेक्‍शन बनाए रखते हैं। कहीं बच्‍चे को चोट न लग जाए, कोई बच्‍चा उसे परेशान न करे, वो अभी अकेला ये काम नहीं कर पाएगा। ऐसे में बच्‍चें का डेवलपमेंट रूक जाता है। उन्‍हें खुद से चीजें एक्‍स्‍प्‍लोर करने दें और डिसीजन लेने दें। 

सोशल स्किल बढाएं

अक्‍सर देख गया है कि सिंगल चाइल्‍ड या तो अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलकर दूसरों से बात करने में हिचकते हैं या वे चाहते हैं कि उनके दोस्‍त उनके हिसाब से काम करें। उनका इंट्रोवर्ट या बॉसी नेचर उनके फ्यूचर के लिए अच्‍छा नहीं है। ऐसे में पेरेंट्स को उन्‍हें दोस्‍त बनाने या दोस्‍तों के साथ किस तरह शेयरिंग और दूसरे के इमोशंस को समझकर काम करने में मदद करनी चाहिए। उन्‍हें रेगुलर फैमिली या फ्रैंड्स के घर ले जाएं जहां बच्‍चे हों। जिससे उन्‍हें घर जैसे माहौल में दूसरे बच्‍चों के साथ एडजस्‍ट करने की आदत होगी। 

PunjabKesari

बच्चों के साथ समय बिताएं

अगर दोनों पेरेंट्स वर्किंग हैं तो ऐसे में इकलौते बच्‍चे अक्‍सर ज्‍यादा अकेलापन महसूस करते हैं। ऐसे पेरेंट्स को बच्‍चों के साथ टाइम स्‍पेंड करना चाहिए। ऑफिस के बाद टीवी या फोन पर बिजी रहने के बजाय बच्‍चे को समय दें। उनके साथ खेलें, दिनभर की उनकी दिनचर्या के बारे में बात करें। उन्‍हें अपने दिन के बारे में बताएं। ऐसा करने से बच्‍चे के साथ आपका बॉन्ड मजबूत बनेगा।

PunjabKesari

बच्‍चों पर न थोपें अपनी मर्जी

इकलौता होने की वजह से पेरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्‍चा ऑलराउंडर हो। वे अपनी चॉइस से उसे कई तरह की एक्टिविटी क्‍लासेज या कोई अन्‍य काम करने को कहते हैं।

PunjabKesari

सिंगल चाइल्‍ड के पेरेंट्स को इस बात का खास ध्‍यान रखना चाहिए कि वे बच्‍चे की चॉइस को प्राथमिकता दें। उसे अपने डिसीजन लेने की आजादी दें। जिससे वे अपने काम करने के लिए खुद से तैयार हो न कि किसी प्रेशर में। क्‍योंकि दबाव में बच्‍चे की पर्सनैलिटी पर असर पड़ता है।

Related News