कोरोना वायरस का प्रकोप पूरी दुनिया में बना हुआ है। भारत में अब तक इस संक्रमण से लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। जहां अभी तक कोरोना से बचने के लिए कोई दवाई नहीं आई, वहीं इस संक्रमण से बचने के लिए अभी केवल एक मात्र उपाय वेक्सीन ही हैं। वहीं इसी बीच वेक्सीन को लेकर एक नया डेटा सामने आया है।
दरअसल, ब्रिटेन के कोरोना टीकाकरण के वास्तविक आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि ऑक्सफर्ड- एस्ट्रेजनेका की कोरोना वैक्सीन का केवल पहला डोज लगवाने से ही इस महामारी से मरने वालों की संख्या में 80 फीसदी की कमी आई है।
जानकारी के लिए आपकों बतां दें कि यह वही वैक्सीन है जिसे भारत में बड़े पैमाने पर कोविशील्ड के नाम से लगाया जा रहा है।
जानिए, एस्ट्रेजनेका और फाइजर वैक्सीन कितनी है कारगार-
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के विश्लेषण के अनुसार, एस्ट्रेजनेका वैक्सीन के मात्र एक डोज से मौत का खतरा 80 फीसदी कम हो जाता है। वहीं अमेरिकी कंपनी फाइजर की वैक्सीन के दो डोज से मौत का खतरा करीब 97 प्रतिशत तक कम हो जाता है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैंकॉक ने इस आंकडे़ की तारीफ करते हुए कहा कि यह आंकड़े इस बात के 'स्पष्ट' सबूत हैं कि वैक्सीन इस महामारी से बचाव में कारगर है।
ब्रिटेन ने वैक्सीन से अब तक 10 हजार जिंदगियों को बचाया
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड का अनुमान है कि अब तक कोरोना वैक्सीन लगाए जाने से 10 हजार जिंदगियों को बचाया जा सका है। ब्रिटेन की एक करोड़ 80 लाख की आबादी में से हर तीन में से एक वयस्क को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इससे ब्रिटेन में संक्रमण, मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराए जाने और मौतों का आंकड़ा काफी कम हो गया है। वहीं इस शानदार रिजल्ट को लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि सरकार कोरोना वायरस को लेकर जारी प्रतिबंधों में अब ढील देने पर विचार कर रही है।
मात्र एक डोज ने मौतों की संख्या को 80 प्रतिशत तक कम किया-
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने कहा कि उसने इन आंकड़ों को जारी करने से पहले इंग्लैंड में 50 हजार लोगों के दस्तावेजों की जांच की थी। ये लोग दिसंबर से अप्रैल महीने में कोरोना पॉजिटिव हुए थे। इनमें से 13 प्रतिशत लोगों को फाइजर का एक डोज और 8 प्रतिशत लोगों को एस्ट्रेजनेका की वैक्सीन का एक डोज दिया गया था। इस विश्लेषण में पता चला है कि दोनों में से प्रत्येक वैक्सीन के मात्र एक डोज ने मौतों की संख्या को करीब 80 प्रतिशत तक कम कर दिया।
40 साल से कम उम्र के लोग ऑक्सफर्ड की वैक्सीन लगाने से करें परहेज़-
वहीं आपकों बतां दें कि यह आंकड़ा भारत के लिए भी महत्वपूर्ण है। भारत में अब 18 साल की उम्र तक के लोगों को भी कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। हालांकि ब्रिटेन में 40 साल से कम उम्र के लोगों को सलाह दी गई है कि वे ऑक्सफर्ड की कोरोना वैक्सीन लगवाने से परहेज करें। दरअसल ब्रिटेन ने यह फैसला खून का थक्का जमने के मामले सामने आने के बाद लिया है।