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Children Day पर बच्चों को जरूर बताएं उनके ये 8 अधिकार, पेरेंटस और टीचर को भी होनी चाहिए इसकी जानकारी

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 14 Nov, 2025 12:36 PM
Children Day पर बच्चों को जरूर बताएं उनके ये 8 अधिकार, पेरेंटस और टीचर को भी होनी चाहिए इसकी जानकारी

नारी डेस्क: इतिहास में 14 नवंबर की तारीख स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के तौर पर दर्ज है। इस दिन को ‘बाल दिवस' के तौर पर मनाया जाता है। बाल दिवस बच्चों के अधिकारों और उनके सुरक्षित, स्वस्थ और खुशहाल भविष्य को समर्पित दिन है। इस मौके पर यह जानना बहुत जरूरी है कि हमारे देश में बच्चों को कौन-कौन से अधिकार मिलते हैं, ताकि उन्हें सही संरक्षण और समान अवसर मिल सके। जानिए बच्चों के 8 महत्वपूर्ण अधिकार, जो हर माता-पिता, शिक्षक और बच्चे को जरूर पता होने चाहिए। 


शिक्षा का अधिकार (Right to Education)

 6 से 14 साल की उम्र तक हर बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा पाने का अधिकार है। कोई भी स्कूल बच्चे को फीस न देने पर बाहर नहीं कर सकता।

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सुरक्षा का अधिकार (Right to Protection)

बच्चों को हिंसा, शोषण, दुर्व्यवहार, बाल मजदूरी, तस्करी और घरेलू हिंसा से बचाए जाने का अधिकार है। किसी भी प्रकार का शारीरिक दंड (Corporal Punishment) कानूनन गलत है।


 परिवार और देखभाल का अधिकार (Right to Family and Care)

हर बच्चे को प्यार, देखभाल और सुरक्षित माहौल में रहने का अधिकार है। अनाथ या बेघर बच्चों को सरकारी या गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा संरक्षण दिलाने का अधिकार है।


खेलने और खुश रहने का अधिकार (Right to Leisure and Play)

पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को खेलने, आराम करने और अपनी रुचियों को पूरा करने का अधिकार है। मानसिक विकास के लिए यह बहुत आवश्यक माना गया है।


स्वास्थ्य का अधिकार (Right to Health)

 बच्चों को स्वस्थ भोजन, साफ पानी, टीकाकरण, इलाज और पोषण पाने का अधिकार है। अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों में बच्चों के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।

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अपनी बात रखने का अधिकार (Right to Expression)

बच्चों को अपनी बात कहने, सवाल पूछने और अपनी पसंद-नापसंद बताने का अधिकार है। परिवार और स्कूल दोनों में उनकी आवाज़ का सम्मान होना चाहिए।


पहचान का अधिकार (Right to Identity)

बच्चे को जन्म प्रमाण पत्र, नाम, राष्ट्रीयता और एक पहचान मिलने का अधिकार है। यह अधिकार उन्हें कानूनी सुरक्षा देता है।


 समानता का अधिकार (Right to Equality)

किसी भी बच्चे के साथ जाति, धर्म, भाषा, सामाजिक स्थिति या लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता। सभी बच्चों को समान अवसर देना हर संस्था और समाज का कर्तव्य है।


क्यों मनाते हैं बाल दिवस?

देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों से बहुत प्रेम करते थे। उनके जन्मदिन 14 नवंबर को बच्चों के अधिकार, शिक्षा और भविष्य पर ध्यान देने के लिए Children’s Day के रूप में मनाया जाता है। यह बात शायद बहुत कम लोग जानते होंगे कि भारत में 1964 से पहले तक बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था, लेकिन जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद उनके जन्मदिन अर्थात 14 नवंबर को ‘बाल दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया गया।
 

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