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देवउठनी एकादशी पर गूंजेंगी शहनाइयां, नवंबर में शादी की तिथियां हैं बेहद शुभ

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 13 Oct, 2025 05:03 PM
देवउठनी एकादशी पर गूंजेंगी शहनाइयां, नवंबर में शादी की तिथियां हैं बेहद शुभ

नारी डेस्क: नवंबर का महीना भारतीय पंचांग और विवाह संस्कार के हिसाब से शादी, सगाई और मांगलिक कार्यों के लिए सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि इस महीने देवउठनी एकादशी जो आती है।  इस बार देवउठनी एकादशी के साथ ही नवंबर और दिसंबर में शादियों की चकाचौंध देखने को मिलेगी। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं और इसी के साथ शादियों और मांगलिक कार्यों का शुभ समय भी शुरू हो जाता है। 

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इस दिन है देवउठनी एकादशी 

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की तिथि 01 नवंबर को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 02 नवंबर को सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में देवउठनी एकादशी 01 नवंबर को मनाई जाएगी। इस बार देवउठनी एकादशी का पारण 02 नवंबर को किया जाएगा।  व्रत का पारण करने का समय 01 बजकर 11 मिनट से लेकर शाम 03 बजकर 23 मिनट तक है। 


देवउठनी एकादशी का महत्व

हिंदू धर्म में यह तिथि बेहद पवित्र मानी जाती है। मान्यता है कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी से भगवान विष्णु क्षीरसागर में योग निद्रा में चले जाते हैं, और चार माह बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागते हैं। इन चार महीनों को चातुर्मास कहा जाता है, जिसके दौरान विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण या कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते। देवउठनी एकादशी के दिन से ही फिर से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।

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यह है विवाह के  सबसे उत्तम मुहूर्त

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल नवंबर महीने में विवाह के सबसे उत्तम मुहूर्त 18, 22, 23, 24, 25, 29 और 30 नवंबर 2025 को रहेगा।  अगले महीने सबसे उत्तम मुहूर्त 4 और 5 दिसंबर 2025 को रहेगा। फरवरी महीने में विवाह का सबसे उत्तम मुहूर्त 4, 5, 6, 7, 10, 11, 12, 13, 19, 20, 21, 24, 25, 26 तारीख को रहेंगे। पंचांग के अनुसार मार्च महीने में विवाह के लिए 4, 5, 6, 9, 10, 11, 12, 15 तारीखें सबसे उत्तम रहेंगी। 


क्यों कहा जाता है इसे शुभ शुरुआत का दिन

माना जाता है कि इस दिन देवता भी जागकर मानव कल्याण के कार्यों में लगते हैं। विवाह, सगाई, गृहप्रवेश जैसे कार्यों में सफलता और सौभाग्य प्राप्त होता है। इस दिन किया गया व्रत और पूजा पापों का नाश करती है और सुख-समृद्धि देती है। देवउठनी एकादशी सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं बल्कि नई शुभ शुरुआत का प्रतीक है।इस दिन से पूरे देश में शादियों, गृह प्रवेश और मांगलिक कार्यों का मौसम आरंभ होता है। भक्तिभाव से पूजा करने और सही मुहूर्त में कार्य शुरू करने से जीवन में सौभाग्य, प्रेम और समृद्धि बनी रहती है।
 

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