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इंडिया गेट के पास ‘लाल सलाम’ के नारे! प्रदूषण के खिलाफ प्रोटेस्ट में हुआ बड़ा हंगाना

  • Edited By Monika,
  • Updated: 24 Nov, 2025 11:48 AM
इंडिया गेट के पास ‘लाल सलाम’ के नारे! प्रदूषण के खिलाफ प्रोटेस्ट में हुआ बड़ा हंगाना

नारी डेस्क : दिल्ली के इंडिया गेट पर वायु प्रदूषण के खिलाफ चल रहे युवाओं के विरोध प्रदर्शन ने अचानक राजनीतिक रंग ले लिया, जब भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने नक्सली कमांडर माडवी हिडमा के समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिए। राजधानी के हाई-सिक्योरिटी ज़ोन में नक्सलवाद के समर्थन में लगे नारे अब बड़ा विवाद बन चुके हैं।

प्रोटेस्ट में लगे ‘कॉमरेड हिडमा अमर रहे’ के नारे

वीडियो सामने आने के बाद पता चला कि प्रदूषण विरोध प्रदर्शन में अचानक कुछ युवा ‘लाल सलाम’ और “जितने हिडमा मारोगे, हर घर से हिडमा निकलेगा” जैसे नारे लगाने लगे। इसी बीच ‘कॉमरेड हिडमा अमर रहे’ और ‘कॉमरेड हिडमा को लाल सलाम’ जैसे नारे भी सुनाई दिए। यह प्रदर्शन मूल रूप से दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदूषण की गंभीर स्थिति को लेकर आयोजित किया गया था, लेकिन नक्सली समर्थन के नारेबाज़ी ने माहौल को तनावपूर्ण बना दिया।

सुरक्षा कड़ी, इंडिया गेट बंद

नारेबाज़ी के बाद सुरक्षा बल तुरंत सक्रिय हो गए। इंडिया गेट को बंद कर दिया गया और सी-हेक्सागन रोड पर ट्रैफिक रोक दिया गया। हाई-सिक्योरिटी ज़ोन में इस तरह के नारे लगना सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गया है।

कौन था माडवी हिडमा?

18 नवंबर को सुरक्षाबलों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 51 वर्षीय नक्सली कमांडर माडवी हिडमा को छत्तीसगढ़–आंध्र बॉर्डर पर एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया था।
उसकी पत्नी माडकम राजे भी इस एनकाउंटर में मारी गई थी।

हिडमा पर 367 हत्याओं का आरोप था

माडवी हिडमा दक्षिण बस्तर का कुख्यात नक्सली कमांडर था, जिसे सुरक्षा एजेंसियां दो दशकों से सबसे खतरनाक माओवादी नेताओं में गिनती थीं। 18 नवंबर को छत्तीसगढ़–आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर हुए एक बड़े ऑपरेशन में 51 वर्षीय हिडमा को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया। एनकाउंटर में उसकी पत्नी माडकम राजे भी मारी गई थी। हिडमा पर कुल 367 हत्याओं का आरोप था, जिनमें 260 से अधिक सुरक्षाकर्मी और 107 नागरिक शामिल बताए जाते हैं। वह करीब 26 बड़े नक्सली हमलों का साज़िशकर्ता माना जाता था और उस पर 45 लाख रुपये का इनाम घोषित था। 2010 का दंतेवाड़ा हमला, 2013 का दरभा घाटी और झीरम घाटी नरसंहार, तथा 2017 का सुकमा हमला—ये सभी ऐसे हमले थे जिनमें उसकी मुख्य भूमिका उजागर हुई थी। उसकी मौत के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने इसे “नक्सलवाद के ताबूत की आखिरी कील” करार दिया।

पुलिस पर हमला, 20 लोग हिरासत में

प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों द्वारा पुलिस पर हमला करने का आरोप भी लगा है। दिल्ली पुलिस ने एफआईआर (FIR) दर्ज करते हुए करीब 20 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। फिलहाल सभी का मेडिकल कराया जा रहा है और जल्द गिरफ्तारी की प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है।

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