नारी डेस्कः नवरात्रि के तीसरे दिन देवी दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। उनका यह स्वरूप अत्यंत शांत, कल्याणकारी और शक्ति से परिपूर्ण है। मां चंद्रघंटा का मस्तक चंद्र के समान अर्धचंद्राकार है, इसी कारण उन्हें "चंद्रघंटा" कहते हैं। मां चंद्रघंटा को भयनाशिनी भी कहा जाता है। मां चंद्रघंटा को क्रोध शांत करने वाली और मीठे बोल सिखाने वाली माना जाता है।
मां चंद्रघंटा की कथा (Maa Chandraghanta Katha)
मां चंद्रघंटा का यह स्वरूप अत्यंत उग्र और राक्षसों का संहार करने वाला माना जाता है। पुराणों के अनुसार, जब असुरों ने देवताओं पर आक्रमण किया और आतंक फैलाया था तो मां चंद्रघंटा ने अत्यंत विकराल रूप धारण कर राक्षसों का संहार किया। उनके घंटे की ध्वनि से दुष्ट शक्तियां भयभीत हो जाती थीं। मां चंद्रघंटा का यह रूप उनके भक्तों को साहस और संकटों का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है। मां चंद्रघंटा के इस उग्र और शक्तिशाली रूप की पूजा करने से सभी प्रकार की बाधाओं और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
मां चंद्रघंटा का प्रिय भोग
मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बने पदार्थ अत्यंत प्रिय होते हैं इसलिए मां को दूध, खीर या दूध से बनी मिठाई का भोग अर्पित करें।। मां को शहद का भोग भी लगा सकते हैं और इस दिन दूध का दान भी कर सकते हैं।
मां चंद्रघंटा का प्रिय फल-फूल और रंग
मां चंद्रघंटा का पसंदीदा फूल गुलाब और कमल है। मां चंद्रघंटा को सफेद कमल या पीले रंग का फूल अर्पित कर सकते हैं और फल में केला अर्पित करें। मां चंद्रघंटा का पसंदीदा रंग लाल है। मां चंद्रघंटा को
सिंदूर, अक्षत, गंध, धूप, और पुष्प जरूर अर्पित करें।
कोर्ट-कचहरी के केस में विजय पाने के लिए मां चंद्रघंटा का विशेष उपाय
कोर्ट-कचहरी से जुड़ी समस्याओं में राहत पाने के लिए, मां चंद्रघंटा को लाल वस्त्र में लौंग, सुपारी, और पान अर्पित करें। जिन लोगों का काफी सालों से अदालतों में केस चल रहा है उन्हें विशेष तौर पर दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए।
मां चंद्रघंटा का बीज मंत्र: 'ऐं श्रीं शक्तयै नमः' (Maa Chandraghanta Mantra)
इस मंत्र का जाप करते हुए मां चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों को मानसिक शांति, साहस, और शक्ति की प्राप्ति होती है। वे अपने भक्तों के जीवन से सभी नकारात्मक शक्तियों को दूर करती हैं और उन्हें सुकून प्रदान करती हैं। मां चंद्रघंटा की पूजा से जुड़े कुछ और मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं।
पूजा मंत्र: 'ओम देवी चंद्रघण्टायै नमः'
मां चंद्रघंटा का मंत्र: नवरात्रि के तीसरे दिन 'ऊँ देवी चंद्रघण्टायै नमः' मंत्र का 108 बार जाप कर सकते हैं। इससे मनचाही मनोकामना पूरी होगी।
स्तुति मंत्र: 'या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः'
प्रार्थना मंत्र: 'पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता'