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90 की उम्र में शुरु किया बिजनेस, अब देश-विदेश में फेमस है दादी के पोटली बैग्स

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 15 Feb, 2020 03:47 PM
90 की उम्र में शुरु किया बिजनेस, अब देश-विदेश में फेमस है दादी के पोटली बैग्स

60-70 की उम्र के बाद हर कोई अपने काम से रिटायरमेंट ले लेता है। बुढ़ापे में हर कोई यही चाहता है कि वो अब अपने परिवार के समय बिताए, पोते-पोतियों के साथ खेलें और बिस्तर में आराम करें। अगर इस उम्र में किसी के मन में काम करने का ख्याल आए भी तो उसकी हिम्मत साथ नहीं देती।

 

मगर, 90 साल की एक बुजुर्ग महिला ने इस उम्र में नया बिजनेस शुरु कर हर किसी को हैरान कर दिया है। जी हां, असम की रहने वाली 90 की अम्मा लतिका चक्रवर्ती ने 2 साल पहले खुद का ऑनलाइन बिजनेस शुरू किया। लतिका अपनी 66 साल पुरानी मशीन से खुद पोटली बैग बनाकर उन्हें ऑनलाइन बेचती हैं, जो भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में पसंद किया जाता है।

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बचपन से था सिलाई-कढ़ाई के शौक

दरअसल, लतिका को हमेशा से ही सिलाई, कढ़ाई व बुनाई का शौक था। वह अपने बच्चों को भी खुद के हाथों से बनाए हुए कपड़े ही पहनाया करती थी। यही नहीं, वह बच्चों के कपड़ों के बैग और गुड़िया भी अपने हाथ से ही बनाती थी। इसके अलावा वह हाथों से बनाई हुई चीजें किसी खास मौके पर परिवार वालों को गिफ्ट भी करती थी।

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शौक को बनाया बिजनेस

उनके इस टैलेंट को देखते हुए लतिका की बहू ने उन्हें पोटली बनाकर बेचने का सुझाव दिया। इसके बाद उनके पोते ने एक वेबसाइड बनाई और प्रमोशन करने में उनकी मदद भी की। बिजनेस शुरू होते ही उनके बैग काफी फेमस हो गए।

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पुरानी साड़ियों से बनाती हैं पोटली

हैरानी की बात तो यह है कि इन पोटली बैग्स को बनाने के लिए वो देशभर से इकट्‌ठा की हुई अपनी साड़ियों का इस्तेमाल करती हैं। उनके स्वर्गीय पति सर्वे ऑफ इंडिया में काम करते थे, जिसकी वजह से उन्हें कई शहरों में रहने का मौका मिला। वह हर शहर में नई साड़ियां और सूट जरूर खरीदती थी। अब इस उम्र उन्हें साड़ियों पहनने का मौका कम मिलते हैं इसलिए उन्होंने इनसे बैग बनाने की सोची। उनकी बनाई गई हर पोटली पुरानी साड़ी से ही बनी होती है, जिसमें उनकी बहू भी उनकी मदद करती हैं।

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दुनिया भर से पोटली की डिमांड

90 साल की उम्र में भी लतिका काफी स्टाइलिश और फिनिशिंग के साथ बैग बनाती हैं, जिनकी डिमांड सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि जर्मनी, ओमान और न्यूजीलैंड में भी काफी है। क्योंकि उन्हें एक बनाने में कई दिन लग जाते हैं इसलिए इनकी कीमत थोड़ी ज्यादा है लेकिन बैग्स देखने के बाद उसकी कीमत कम ही लगती है। लतिका की वेबसाइट में हर बैग की कीमत 10 डॉलर रखी गई है जिनमें से कई बैग अब तक बिक चुके हैं।

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उम्र के साथ बढ़ा हौसला

अक्सर इस उम्र के लोग बिस्तर में आराम करते हैं लेकिन लतिका का यह काम लोगों को प्रेरित करने वाला है। आंखों में चश्मा लगाकर लतिका पति की दी गई 66 साल पुरानी सिलाई मशीन से किस तरह बैग बनाती है, जो वाकई काबिले तारीफ है।

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