21 NOVTHURSDAY2024 10:52:43 PM
Nari

मीलिए भारत की पहली 'बिना हाथों वाली ड्राइवर' से, बुलंद हौसलों से भरी सपनों की उड़ान

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 12 Nov, 2022 11:22 AM
मीलिए भारत की पहली 'बिना हाथों वाली ड्राइवर' से, बुलंद हौसलों से भरी सपनों की उड़ान

जिंदगी में कई बार शरीर से सही-सलामत लोग भी हालातों से तंग का जाते हैं और हताश हो जाते हैं। जिलोमोल उन लोगों के लिए एक मिसाल हैं जो खुद को दिव्यांग होने पर सारी उम्मीदे खो देते हैं। 28 साल की जिलोमोल मैरिएट थॉमस के हाथ नहीं है फिर भी उसके हौसले बुलंद हैं। वो एशिया की पहली ऐसी महिला है जिनके पास हाथ नहीं है, फिर वो कार ड्राइव करती हैं और उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस है।महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा भी उनकी तारीफ कर चुके हैं।आईए डालते हैं जिलोमोल की जिंदगी पर एक नज़र। 


 बचपन से ही नहीं हैं हाथ

जिलोमोल के जन्म से ही उनके हाथ नहीं है लेकिन वह घुटनों की मदद से कार चलाने में माहिर हो चुकी हैं। जब उन्होंने खुद कार चलाने की बात की तो परिवार के लोगों ने मना कर दिया। उन्हें अपनी कार खरीदने के लिए घर के लोगों को काफी मनाना पड़ा लेकिन उनके हौंसले के आगे परिवार के लोग भी मान गए।

PunjabKesari

ग्राफिक डिजाइन और पेंटिग का रखती हैं शौक

पढ़ाई में हमेशा आगे रहने वाली जिलोमोल ने ग्राफिक डिजाइन में अपना करियर चुना है। इसके साथ ही उन्हें पेंटिग करना भी खासा पसंद है। वो विकलांग कलाकारों के लिए स्थापित स्टेट माउथ एंड फुट एसोसिएशन की फाउंडिंग मेंबर हैं। उनका कहना है की उनको इस बात की कोई परवाह नहीं है की वो विकलांग हैं। 

PunjabKesari

2018 में मिला था ड्राइविंग लाइसेंस

2018 में उन्होनें कस्टम रेड मारुति सिलेरियो खरीदी और उसी साल उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस भी मिल गया। वो अपने परिवार में इकलौता कार ड्राइवर हैं। उनके परिवार में किसी को गाड़ी चलाना नहीं आता फिर भी वो खुद बड़े ही आत्मविश्वास के साथ स्टीयरिंग थामती हैं। 

PunjabKesari

जिलोमोल  की कहानी से हमें यही सिखने को मिलता है की चाहो तो सब कुछ है आसान, बस हौसला बुलंद होना चाहिए। 

Related News