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डायबिटीज कंट्रोल नहीं होती तो खाएं ये Sugar Free रोटी, पोषण और ताक्त से भरपूर

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 26 Aug, 2025 09:01 PM
डायबिटीज कंट्रोल नहीं होती तो खाएं ये Sugar Free रोटी, पोषण और ताक्त से भरपूर

नारी डेस्कः आज बड़ी बीमारियों की बात करें तो डायबिटीज एक ऐसा रोग है जिसकी चपेट में 5 में 3 भारतीय आ रहे हैं। यह बीमारी तेजी से पैर पसार रही हैं और एक बार ये नामुराद बीमारी लग जाए तो पूरी जिंदगी दवाई के सहारे रहना पड़ता है हालांकि डायबिटीज मरीज को अपने खान-पान का विशेष ध्यान देने की जरूरत रहती है। आटे की रोटी भी सोच समझ कर खानी पड़ती है। अगर डायबिटीज मरीज खाने में 2 से 3 रोटी भी खाते हैं तो वह भर-भर कर कार्बोहाइड्रेट खा रहे हैं। ये समझ लीजिए कि अगर डायबिटीज मरीज चार रोटी खाते हैं तो वो 12-16 चम्मच चीनी खा रहे है जो ब्लड शुगर के लेवल को तेजी से बढ़ा देता हैं। 

शुगर मात्रा का विवरण

100 ग्राम गेहूं के आटे में लगभग 71-72 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है, जिसमें अधिकांश हिस्सा स्टार्च और फाइबर का है, सीधी शुगर (ग्लूकोज या सुक्रोज) की मात्रा बहुत कम यानी 0.5-1 ग्राम प्रति रोटी अनुमानित है। एक सामान्य गेहूं की चपाती (करीब 30-35 ग्राम आटा) खाने से शरीर को जटिल कार्ब्स मिलते हैं, जो ग्लूकोज में धीरे-धीरे बदलते हैं।

डायबिटीज और चपाती

साबुत गेहूं की चपाती का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 62 और ग्लाइसेमिक लोड लगभग 26.8 है यानी यह रक्त शुगर को तेजी से नहीं बढ़ाती, लेकिन मात्रा और संयोजन का ध्यान रखना जरूरी है। डायबिटीज़ या उच्च रक्त शुगर वालों के लिए चपाती की मात्रा सीमित रखें और सब्ज़ी, दाल या फाइबर रिच फूड्स के साथ सेवन करें।

कैलोरी और पोषण

एक साधारण गेहूं की चपाती में करीब 60-70 कैलोरी, 12-15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 2-3 ग्राम प्रोटीन, और बहुत कम मात्रा में वसा व सीधे शुगर होती है। साबुत गेहूं की चपाती फाइबर, विटामिन, और मिनरल्स का भी स्रोत है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती है।

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डायबिटीक कोच और एक्सपर्ट की मानें तो डायबिटीज मरीजों की सबसे बड़ी मुसीबत उनकी डाइट में शामिल गेहूं की रोटी है। गेहूं में लगभग 61 फीसद स्टार्च मौजूद होता है जिसका सेवन डायबिटीज मरीज करते हैं तो उनके ब्लड में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है लेकिन ज्यादातर लोग नाश्ते, दोपहर और डिनर में तीनों टाइम गेहू की रोटी ही ज्यादातर खाते हैं। इतनी रोटी खाने के बाद ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है, जिसे कंट्रोल करने के लिए लोगों को शुगर कंट्रोल करने की गोली खानी पड़ती है। 

गेहूं का आटा कैसे ब्लड शुगर को बढ़ाता है?

100 ग्राम आटा में लगभग तीन रोटी बनती है और एक रोटी में लगभग 4 चम्मच शक्कर होती है। अगर आप एक समय के खाने में तीन रोटी खाते हैं तो आप 12 चम्मच चीनी खा रहे हैं। 12 चम्मच चीनी का सेवन करेंगे तो ब्लड में शुगर का स्तर तेजी से स्पाइक करेगा। गेहूं के आटे की जगह की आप कौन सी रोटी खा सकते हैं कि ब्लड में शुगर का स्तर नॉर्मल रहे। 

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इस तरह बनाएं शुगर फ्री रोटी

अपने आटे को शुगर फ्री आटा बनाएं। गेहूं के आटे में कार्बोहाइड्रेट के साथ फाइबर का कॉम्बिनेशन दें और इसके फाइबर रिच सब्जियों को पीसकर उनका पल्प बना लें और उस पल्प को गेहूं के आटे में मिक्स करके अपनी शुगर फ्री रोटी बनाएं। गेहूं के आटे में आप कटहल का आटा, लौकी और ऐश गार्ड का पल्प मिक्स करके रोटी बना सकते हैं।  इस तरह आटे की रोटी में शुगर कम हो जाती है और ब्लड शुगर का तेजी से बढ़ने का खतरा भी कम हो जाएगा। जो लोग रागी, जौ और मक्का की रोटी खाते हैं तो बता दें कि उससे भी 70 फीसदी तक शुगर होता है। अगर आप चाहते हैं कि आपकी ब्लड शुगर नॉर्मल रहे तो आप चने के आटे की रोटी खाएं। यह सबसे बेस्ट विकल्प है। 

डिस्कलैमर: गेहूं की 1 चपाती में प्रत्यक्ष शुगर की मात्रा बहुत कम है, लेकिन इसका कार्बोहाइड्रेट धीरे-धीरे पचकर ब्लड शुगर बढ़ा सकता है; इसलिए इसका सेवन संतुलन के साथ करें.

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