नारी डेस्कः भारत में मकर संक्रांति का त्योहार बहुत महत्व रखता है। इस बार महाकुंभ के विशेष अवसर पर इसी दिन पहला शाही स्नान होगा। मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसे उत्तरायण की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है, जब सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायन में प्रवेश करता है। इस दिन का धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। मकर संक्रांति पर दान को अत्यंत शुभ माना गया है, क्योंकि इसे पापों के नाश और पुण्य कमाने का मार्ग कहा गया है। इसे दिन और रात के संतुलन का समय भी माना जाता है। चलिए आपको विस्तार से बताते हैं।
मकर संक्रांति से जुड़ी धार्मिक मान्यता | Religious significance of Makar Sankranti
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, यह दिन भगवान सूर्य देव और देवताओं को प्रसन्न करने का शुभ अवसर होता है। मकर संक्रांति के दिन दान करने से आत्मा को शुद्धि मिलती है और पापों से मुक्ति। शास्त्रों में कहा गया है कि मकर संक्रांति पर दान करने से सात जन्मों तक पुण्य का फल मिलता है। यह दान धर्म, आस्था और परोपकार का प्रतीक है जो मनुष्य को आत्मिक और सामाजिक संतुष्टि प्रदान करता है।
मकर संक्रांति पर किन चीजों का दान करना चाहिए
मकर संक्रांति पर कुछ चीजों का दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। चावल, गेहूँ, दाल और बाजरा जैसे अन्न का दान करना शुभ माना जाता है। मकर संक्रांति पर खिचड़ी का दान करना बेहद शुभ माना गया है। इस दिन काला उड़द का दान भी धन-धान्य बढ़ाता है इसलिए ये दान जरूर करें। लोग गरीबों को वस्त्र, अन्न, तिल, गुड़, कंबल आदि का दान करते हैं। खासकर तिल और गुड़ का दान अधिक महत्व रखता है जो व्यक्ति के पुण्य को बढ़ाता है और जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।
1. तिल और गुड़ का दान
तिल का दान करने से भगवान विष्णु और सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। तिल से बनी चीजें जैसे तिल के लड्डू, तिल गुड़ आदि दान करने का विशेष महत्व है। गुड़ दान करने से मनुष्य के जीवन में मिठास और सुख-समृद्धि आती है। आप तिल गुड़ से बनी मिठाइयों का भी दान कर सकते हैं।
2. अन्न, धन और वस्त्र
चावल, गेहूं, दाल, और जौ का दान करना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। इससे अन्न देवता प्रसन्न होते हैं और परिवार में कभी अन्न की कमी नहीं होती। जरूरतमंदों को धन, वस्त्र और बर्तन दान करने से सुख-समृद्धि का वरदान मिलता है। घी और सरसों के तेल का दान भी किया जा सकता है।
3. तांबे- चांदी के बर्तन
तांबे के लोटा या बर्तन का दान करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं। आप चांदी के बर्तन भी दान कर सकते हैं लेकिन अगर तांबे-चांदी का बर्तन दान नहीं कर सकते तो पानी का घड़ा दान करना भी पुण्यदायक होता है।
4. गाय को चारा खिलाएं
गाय का दान (गौदान) हिंदू धर्म में सबसे सर्वोच्च पुण्य कर्म माना गया है। लेकिन अगर गाय का दान संभव न हो तो गौशाला में चारा या धन दान कर सकते हैं।
दान करें तो ये बात भी याद रखें
दान का फल आपको तभी मिलेगा जब आप दान के ये नियम भी याद रखेंगे।
दान हमेशा श्रद्धा और निस्वार्थ भाव से करें।
दान करते समय अहंकार का त्याग करें।
जरूरतमंद की आवश्यकता देखकर ही उसे दान करें।
ब्राह्मणों, साधुओं और जरूरतमंदों को दान देना श्रेष्ठ माना गया है।
दान देने के बाद उसमें फल की आशा नहीं करनी चाहिए।
मकर संक्रांति पर दान के फायदे
मकर संक्रांति पर दान का अत्यधिक धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व है। यह दिन हर व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार दान करके पुण्य अर्जित करने और समाज में सहयोग का भाव प्रकट करने का संदेश देता है। दान करने से न केवल हमारा जीवन सुखमय बनता है बल्कि समाज में भी सकारात्मकता का प्रसार होता है। यह जीवन में पॉजिटिविटी, संतुष्टि और शांति लेकर आता है। इस दिन दान करने से पुराने कर्मों के पाप समाप्त होते हैं।
मकर संक्रांति पर क्या दान न करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन कुछ वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए।
1. टूटी वस्तुएंः टूटी हुई वस्तुएँ, बर्तन या कपड़े दान न करें। यह अशुद्धता और अपूर्णता का प्रतीक है।
2. पुरानी और बेकार चीज़ेंः दान में हमेशा उपयोगी और साफ-सुथरी वस्तुएं ही दान करें दें। पुरानी और बेकार चीजें जो दूसरे लोगों के काम नहीं आएगी उसे दान ना करें।
3. तामसिक भोजनः मकर संक्रांति एक सात्विक पर्व है, इसलिए तामसिक वस्तुओं का सेवन और दान ना करें।
4. काले रंग की वस्तुएंः काले रंग के कपड़े या अन्य वस्तुएं दान न करें। काला रंग शनि ग्रह और नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। मकर संक्रांति सूर्य देव का पर्व है, जिसमें काले रंग का दान शुभ नहीं होता।