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गरुड़ पुराण का आयुर्वेदिक रहस्य: ‘मधुकसार’ से हर बुखार होगा छूमंतर! जानें बनाने का तरीका

  • Edited By Monika,
  • Updated: 30 Oct, 2025 07:04 PM
गरुड़ पुराण का आयुर्वेदिक रहस्य: ‘मधुकसार’ से हर बुखार होगा छूमंतर! जानें बनाने का तरीका

नारी डेस्क : गरुड़ पुराण केवल मृत्यु और पुनर्जन्म के रहस्यों का ही नहीं, बल्कि जीवन और स्वास्थ्य से जुड़े आयुर्वेदिक उपायों का भी खजाना है। इसमें से एक चमत्कारिक औषधीय मिश्रण है मधुकसार, जिसे बुखार नाशक और रोग प्रतिरोधक माना गया है।

मधुकसार में शामिल 5 तत्व

मधु (शहद): रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और शरीर को ठंडा रखता है।

सैंधा नमक: इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखता है।

वच: मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम को शांत करता है।

काली मिर्च: पाचन शक्ति बढ़ाती है और विषाक्त तत्व निकालती है।

पिपली: वायरल और मौसमी बुखार से राहत दिलाती है।

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मधुकसार का काम

त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) संतुलित करता है।
शरीर की आंतरिक गर्मी नियंत्रित करता है।
बलवर्धक और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

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बनाने और सेवन की सावधानियां

मधुकसार को केवल गुनगुने पानी या शहद के साथ लें।
गर्भवती महिलाएं, बच्चे या गंभीर रोग वाले लोग इसे केवल आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के बाद लें।
यह एलोपैथिक दवा नहीं, बल्कि प्राकृतिक औषधि है।

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गरुड़ पुराण का उल्लेख

“शहद, सैंधा नमक, वच, काली मिर्च और पिपली का मिश्रण मधुकसार सभी प्रकार के ज्वर (बुखार) का नाश करने वाला है।”
मधुकसार केवल औषधि नहीं, बल्कि शरीर और आत्मा की शुद्धि का प्रतीक भी माना गया है।
 

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