राजधानी दिल्ली कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रही है। अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीज सड़कों पर बिना ईलाज के ही दम तोड़ रहे हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए दिल्ली के एम्स प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि जिन इलाकों में कोरोना संक्रमित रेट 10 प्रतिशत से ज्यादा है, वहां जल्द से जल्द संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया जाए। डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि देश का हेल्थकेयर सिस्टम सरकार की विफलता की कीमत चुका रहा है। डॉ गुलेरिया ने कहा कि कोरोना वायरस पर हमें दोतरफा हमले की जरूरत है। पहला, स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे में सुधार पर तत्काल काम करना होगा, जैसे कि अस्पताल के बेड्स, दवा या ऑक्सीजन की कमी आदि। दूसरा, कोरोना के बढ़ते केस को रोकना होगा।
कम्पलीट लाॅकडाउन पर दिया ज़ोर
एक निजी न्यूज़ चैनल से बात करते हुए डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना पर काबू पाने के लिए हमने उन इलाकों पर ज्यादा ध्यान देना होगा जहां कोविड पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से ज्यादा है। हमें वहां जल्द से जल्द से कम्पलीट लाॅकडाउन लगा देना चाहिए। ऐसा करने पर कोरोना का ट्रांसमिशन चेन कम होगा।
ऑक्सीजन संकट पर दी यह राय
इसके साथ ही ऑक्सीजन संकट पर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि दिल्ली जो ऑक्सीजन की कमी का सवाल है वह सच में निराश और हताश करने वाला है। हमें यह फोकस करना होगा कि संसाधनों को बेहतर तरीके से कैसे आवंटित किया जाए, देश में ऐसे क्षेत्र हैं जहां ज्यादा सप्लायर है। हमें इसे वहां से उन राज्यों में ले जाने की जरूरत है, जहां कोरोना लोगों पर ज्यादा हावी है।
कोरोना वायरस के यूके वेरिएंट पर क्या बोले डॉ रणदीप गुलेरिया?
कोरोना वायरस के यूके वेरिएंट पर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि हमने कोरोना के दूसरी लहर का इतनी तेजी से फैलने का अनुमान नहीं लगाया था। पिछले साल पहली लहर की रफ्तार धीमी थी, हमारे पास सब कुछ बढ़ाने का समय था, अस्पताल के बेड्स दवा इत्यादी। इस बार हमें इसके फैलने संक्रमण दर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी जिससे हालात बेकाबू हो गए। लेकिन फिर भी हमें और अधिक सतर्क रहने की जरूरत हैं।