टीवी का पॉपुलर कॉमेडी शो द कपिल शर्मा शो की भूरी यानी कि सुमोना चक्रवर्ती को आज कौन नहीं जानता। कपिल की तरह उनकी भी लोकप्रियता कुछ कम नहीं है। लेकिन क्या आप जानते हैं दर्शकों को अपनी अदाकारी का जलवा दिखाने वाली सुमोना एक गंभीर बीमारी से जूझ रही है। उन्होंने खुद अपने फैंस को इस बीमारी की जानकारी दी थी।
सुमोना ने पिछले दिनों बताया था कि उन्हें एंडोमेट्रियोसिस है और उनकी बीमारी स्टेज-4 पर है। अभिनेत्री ने बताया था कि वह पिछले 10 साल से इस बीमारी से जूझ रही हूं। अब, यह बीमारी स्टेज-4 (endometriosis stage-4) पर पहुंच चुकी है। इस बीमारी से बचाव और राहत का तरीका अच्छी डायट, एक्सरसाइज और तनाव-मुक्त रहना ही है। उन्होंने कहा कि मेरी बीमारी के बारे में जानकर लोग समझ सकते हैं कि, शोबिज और ग्लैमर वर्ल्ड से जुड़े लोगों का जीवन हमेशा खुशियों से भरा नहीं होता। हम सबके अपने संघर्ष हैं और हमें अपनी लड़ाइयां भी लड़नी पड़ती हैं।
क्या है एंडोमेट्रियोसिस
एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं में होने वाली गर्भाशय से संबंधित समस्या है। लगभग 25 Million महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस पाया गया है फिर भी आज भी बहुत सी महिलाओं को इस बीमारी के बारे में कोई जानकारी नहीं है l यह सबसे ज्यादा 18 से 35 साल की उम्र की महिलाओं में होता है l
टिशू (ऊतक) जो आमतौर पर एक महिला के गर्भाशय के अंदर होता है, जब वह बढ़कर गर्भाश्य के बाहर निकलने और फैलने लगते हैं. इससे गर्भाशय के आसपास सूजन हो जाती है घाव भी हो सकता है। विशेषकर जब पीरियड्स के दौरान उनमें दर्द बढ़ जाता है।
यै है इसके लक्षण
-पेल्विक हिस्से में दर्द होना
-पेट के निचले हिस्से में दर्द का होना
-पीरियड्स के दौरान कमर के निचले हिस्से में दर्द होना
-पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग होना
-इनफर्टिलिटी
-यौन संबंध बनाने के दौरान दर्द होना।
-शौच के दौरान या पेशाब करते समय दर्द होना
-अधिक थकान,चक्कर आना व कब्ज होना l
एंडोमेट्रियोसिस का इलाज
इस बीमारी का इलाज महिला के लक्षणों की गंभीरता, रोगी की उम्र, बीमारी की स्थिति और चरण तथा उसकी अवधि पर निर्भर करता है। नियमित रूप से व्यायाम करने से भी एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल कम किया जा सकता है। मोटापा भी एस्ट्रोजन हार्मोन के बढ़ने का कारण हो सकता है. यदि चाय, कॉफी या अन्य कोई कैफीनयुक्त पदार्थ लेने की आदत है तो इसे तुरंत छोड़ दें, क्योंकि कैफीन युक्त पदार्थ भी शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन के लेवल को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा ऐसी महिलाओं को अपनी डाइट का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए।