कपूर खानदान की बात हो तो राज कपूर से लेकर करीना कपूर खान तक के सारे दमदार स्टार्स हमारी आंखों के सामने घूमने लगते हैं। राज कपूर, आगे उनके बेटों ऋषि कपूर, राजीव कपूर, रणधीर कपूर ने इंडस्ट्री में अलग ही रूतबा बनाया। परमिशन ना होते हुए भी राज कपूर की पोतियों करीना-करिश्मा ने भी इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने दम पर फेम भी हासिल किया जबकि परंपरा के अनुसार, कपूर खानदान की बहू-बेटियों को फिल्मों में काम करने की इजाजत नहीं थी। तभी तो बबीता और नीतू कपूर ने शादी के बाद अपना करियर छोड़ दिया था। अब आप सोच रहे होंगे कि इतने रईस परिवार के साथ जुड़ा हर एक शख्स अच्छा-खासा रईस ही होगा। अगर वह काम ना भी करें तो भी चलेगा हालांकि ऐसा होता नहीं है अपने आप को स्टैंड रखने के लिए कुछ ना कुछ तो ये भी करती ही रही होगी हालांकि रईसी का आनंद आखिर तक सब की नसीबी में नहीं होता।
बॉलीवुड में तो ऐसे बहुत से उदाहरण आपको मिल जाएंगे। ऐसी ही एक शख्स इस खानदान से भी ताल्लुक रखती थी जिन्होंने इंडस्ट्री में काम तो बहुत किया और पैसा-शोहरत भी खूब कमाया लेकिन बात जब आखिरी दिनों की आई तो उन्हें सिर्फ धक्के ही मिले और इन धक्कों को खाते खाते वह दुनिया को अलविदा कह गई। जी हां, हम बात कर रहें हैं बबीता कपूर की कजिन बहन साधना शिवदसानी की जो अपने जमाने की फेमस एक्ट्रेस रही थी। आज वह इस दुनिया में नहीं है। वह बबीता की चचेरी बहन थी और इस तरह रिश्ते में वह करिश्मा और करीना की मासी लगती थी।
एक चाइल्ड आर्टिस्ट के रुप में रखा ता इंडस्ट्री में कदम
पाकिस्तान के कराची शहर में 12 सिंतबर 1941 को जन्मी साधना ने 60 से 70 दशक की कई फिल्मों में काम किया। साधना ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट साल 1955 में राज कपूर की फिल्म 'श्री 420' में काम किया था हालांकि लीड एक्ट्रेस उन्हें सबसे पहले सशाधर मुखर्जी ने लॉन्च किया था। वह अपने बेटे जॉय के लिए एक फिल्म बनाना चाहते थे और इस तरह उन्होंने साधना और जॉय को एक साथ लेकर फिल्म ‘लव इन शिमला’ बनाई। यह फिल्म भी जोरदार हिट रही थी इस फिल्म के डायरेक्टर रामकृष्ण नय्यर थे। इस फिल्म के दौरान साधना सिर्फ 16 साल की थी और रामकृष्ण 22 के थे दोनों के बीच प्यार हो गया। दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया हालांकि यह शादी परिवार की अनुमति के बिना ही हुई लेकिन राज कपूर की मदद से दोनों ने शादी कर ली, शादी के बाद साधना ने फिल्मों से दूरी बना ली।
एक्टिंग के अलावा बेहतरीन हेयरस्टाइल के जरिए भी जीता फैंस का दिल
साधना सिर्फ अपनी एक्टिंग ही नहीं स्टाइल के लिए भी जानी जाती थी। खासकर अपने हेयरस्टाइल के लिए। दरअसल, अपने चौड़े माथे को छिपाने के लिए उन्होंने एक हेयरस्टाइल अपनाया था और वो हेयरस्टाइल इतना पॉपुलर हुआ कि हर लड़की उस हेयरस्टाइल को अपनाना चाहती थी और उस हेयरस्टाइल का नाम ही साधना हेयरकट पड़ गया था। वहीं उन्होंने अपने जमाने में चूड़ीदार सलवार का फैशन ट्रेंड चलाया था। फिल्मों से दूर होने के बाद साधना पति के साथ राजी खुशी रह रही थी लेकिन फिल्म नगरी छोड़ते ही उनके हालात खराब ही रहे। आर्थिक स्थिति के साथ-साथ वह सेहत को लेकर भी परेशान रहीं। दोनों का कोई बच्चा नहीं हुआ । साल 1995 में साधना के पति नय्यर का निधन हो गया और साधना एकदम अकेले पड़ गई और बीमार रहने लगी। थायराइड और आंखों की दिक्कत भी रहने लगी। जिसके चलते उन्होंने कही आना जाना भी छोड़ दिया था। ऐसा कोई भी करीबी नहीं था जो उनकी बिगड़ी हालत और बाकी कानूनी काम को संभाल सके। हैरानी की बात तो यह रही कि अपने बुरे दिनों में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के लोगों से मदद भी मांगी थी लेकिन कोई भी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया।
आखिरी दिनों में वह एक पुराने बंगले में किराए पर ही रह रही थी जो कि आशा भोंसले का बंगला था। किराए के घर में अकेले गुमनामी की जिंदगी काटकर ही उनका वक्त गुजरा और साल 2015 में वह गुमनामी में ही दुनिया को अलविदा कह गईं। इतने बड़े खानदान से ताल्लुक रखने के बावजूद साधना का आखिरी समय इतना दुखद रहा कि कोई उनका हाल-चाल पूछने वाला भी नहीं था।