ब्रिटेन की रानी एलिजाबेथ-II ने 96 की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा। इससे पहले एलिजाबेथ के पिता किंग जॉर्ज-VI भी ब्रिटेन के राजा बने और पिता की मृत्यु के बाद क्वीन एलिज़ाबेथ ने राजगद्दी संभाली। उनका पूरा नाम एलिजाबेथ एलेक्जेंडरा मैरी विंडसर था। वो रानी जिनका रौब और रुतबा ही दुनियाभर में निराला रहा और वह ब्रिटेन की गद्दी पर सबसे अधिक समय तक राज करने वाली रानी भी रही लेकिन जितनी सुनहरी किस्मत रानी की थी उतनी क्वीन एलिजाबेथ की बहन प्रिंसेज मार्ग्रेट की नहीं रही। जहां रानी को हर तरफ से सम्मान- रूतबा और शोहरत मिली वहीं प्रिंसेस मार्गरेट के हिस्से बदनामी आई जबकि प्रिंसेस मार्गरेट अपने पिता की बेहद लाडली रही थी लेकिन ऐसा क्या था कि एक को गद्दी और दूसरी को बदनामी मिली?
चलिए शाही घराने के कुछ अनसुने किस्सों के बारे में आपको बताते हैं।
क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय को यह गद्दी अपने चाचा की बदौलत मिली थी। दरअसल, प्यार की गिरफ्त में उनके चाचा ने इस गद्दी को ठुकरा दिय़ा था,इसी वजह से वह महारानी बन सकीं। इस गद्दी पर एलिजाबेथ के दादा किंग जॉर्ज पंचम थे और उनकी मौत के बाद एलिजाबेथ के चाचा किंग एडवर्ड VIII ने इस सिंहासन को संभाला जबकि सिंहासन पर बैठने की कतार में एलिजाबेथ के पिता किंग जॉर्ज- VI दूसरे नंबर पर थे हालांकि उनके सिंहासन पर उम्मीदें कम थी लेकिन किस्मत ने पलटी मारी और ये सिंहासन किंग जॉर्ज को मिल गया क्योंकि किंग एडवर्ड VIII तब प्यार में पड़ गए थे।
साल 1936 में एलिजाबेथ के चाचा यानि राजा किंग एडवर्ड अष्टम ने दो बार तलाक ले चुकी अमेरिकी सोशलाइट वालिस सिम्पसन के प्यार को चुना और उनसे शादी करने की बात परिवार से की लेकिन घरवालों को ये मंजूर नहीं था। इस बात को लेकर शाही परिवार में बवाल रहा और अंत में राजा ने महज 11 महीने बाद अपने प्यार के लिए गद्दी छोड़ने का फैसला किया। उस समय इस कहानी को 20वीं सदी के महान प्रेम का दर्जा दिया गया है। इसके बाद एडवर्ड सारी शाहि जिम्मेदारियों को त्याग कर फ्रांस चले गए और बाकी का जीवन उन्होंने फ्रांस में ही बिताया।
उन्होंने उस समय कहा था, "जब मैं आपसे कह रहा हूं तो आपको मेरा यकीन करना होगा कि मेरे लिए राजा के रूप में मेरे दायित्वों का निर्वहन और इस बोझ को बिना उस महिला की मदद के उठाना असंभव है जिसे मैं प्रेम करता हूं। " उनके जाने के बाद ब्रिटेन का राज जॉर्ज षष्टम को मिल गया और जॉर्ज षष्टम से यह सिंहासन महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को मिल गया।
क्वीन की छोटी बहन की बदली किस्मत
क्वीन की छोटी बहन अपने पिता की दुलारी थी लेकिन जब पिता राजा बने तो उनकी जिंदगी ही बदल गई। क्वीन की सगी छोटी बहन राजकुमारी मार्गरेट भले ही राज घराने से ही थी लेकिन उनकी परवरिश आम बच्चे की तरह की हुई थी और जब वह 6 साल की थी तब उनका सब कुछ बदल गया। जब पिता इंग्लैंड के राजा बने तो उनकी दोनों बेटियां ही खबरों में रहने लगी थी। दोनों धीरे-धीरे बड़ी होने लगीं। राजघराने की वो सबसे चंचल लड़की थी लेकिन सगी बहन के सामने ही उनकी चमक फीकी थी या यूं कहें कि बना दी गई थी। एक इंटरव्यू में प्रिंसेस मार्गरेट ने कहा था कि "जब मैं और मेरी बहन बड़े हो रहे थे तब मीडिया ने उसे अच्छी लड़की का किरदार दिया और मुझे कई बार बुरा साबित किया।" जहां एलिजाबेथ इतिहास की पढ़ाई कर रही थी और मार्गरेट को एक बागी के रूप में दिखाया जाने लगा था।
दरअसल, कहा जाता है कि मार्ग्रेट के अंदर का बागीपन उनके पहनावे से झलकता था। दिन में वोदका पीते और सिगरेट के कश लेते की उनकी तस्वीरें सुर्खियां बनती थी और जब बड़ी बहन रानी की गद्दी पर बैठी तो उनका बहन मार्गरेट के साथ अलग व्यवहार होने लगा। क्वीन के आगे मार्गरेट की छवि नेगेटिव ही रही। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान मार्गरेट दुनिया की सबसे प्रसिद्ध समाजवादियों में से एक बन गई जो अपने ग्लैमरस लाइफस्टाइल और प्रतिष्ठित रोमांस के लिए प्रसिद्ध थी लेकिन अपनी गलत आदतों के चलते वह दुनियाभर में बदनाम भी हुईं। अपने पिता की लाडली का आखिरी समय काफी खराब था। एक समय मार्गरेट अपने बाथरूम में फिसलकर गिर गईं तब से उनकी तबीयत हमेशा खराब ही रहने लगी। खुद को ढूंढने की में तलाश सन 2002 में 71 की आयु में राजकुमारी मार्गरेट ने दुनिया को अलविदा कह दिया। इस तरह जहां एक बहन पूरी उम्र शाही ठाठ-बाठ से रही वहीं दूसरी को पूरी उम्र बदनामी मिलीं।
महारानी के पास कितनी संपत्ति थी और अब किसकी होगी?
क्वीन की सम्पति की बात करें तो रिपोर्ट्स के मुताबिक वह अपने पीछे 500 मिलियन डॉलर की संपत्ति छोड़कर गई हैं जो उन्होंने 70 साल गद्दी पर रहने के बाद हासिल की थी लेकिन यह कहना मुश्किल है कि अब संपत्ति का क्या होगा। उनकी निजी संपत्ति में 500 मिलियन डॉलर के अलावा उन्हें क्वीन मदर से लगभग 70 मिलियन डॉलर भी मिले थे। क्वीन मदर का साल 2002 में निधन हो गया था। रकम के अलावा उन्हें पेंटिंग, स्टाम्प कलेक्शन, फाइन चाइना, जेवर, घोड़े समेत कई अन्य चीजें भी मिली थीं।