बाॅलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' को लेकर चर्चा बटोर रही हैं। हाल ही में इस फिल्म का टीजर रिलीज किया गया है। जिसमें आलिया का बिल्कुल अलग और दमदार अंदाज दिखाई दिया। आलिया ने फिल्म में 'गंगूबाई' का रोल निभाया है। अब टीजर देखकर आपके मन में भी सबसे पहला सवाल तो यही आया होगा कि आखिर कौन है 'गंगूबाई काठियावाड़ी'? तो चलिए फिर बिना देर किए आपको उनके बारे में बताते हैं।
कौन है गंगूबाई कठियावाड़ी?
गंगूबाई कठियावाड़ी का जिक्र लेखक एस हुसैन जैदी की लिखी गई किताब 'माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई' में किया गया है। किताब के मुताबिक गंगूबाई का असली नाम गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी है। गुजरात के काठियावाड़ की रहने वाली गंगूबाई को छोटी उम्र में ही वेश्यावृति धंधे में धकेल दिया गया।
प्यार के लिए घर से भागी
बचपन से ही गंगूबाई एक्ट्रेस बनना चाहती थी। गंगूबाई 16 साल की उम्र में पिता के अकाउंटटेंट से प्यार कर बैठीं लेकिन उनके घरवाले इस रिश्ते के खिलाफ थे। जिसके बाद गंगूबाई मुंबई भाग आई और प्रेमी संग शादी रचा ली।
जिसके लिए छोड़ा घर उसी ने दिया बेच
एक्ट्रेस बनने के सपने देखने वाली गंगूबाई ने कभी भी नहीं सोचा था कि उसका पति ही उसका सौदा कर देगा। जिस प्यार के लिए गंगूबाई घर से भागी उसी ने सिर्फ 500 रुपए के लिए उसे कोठे पर बेच दिया।
गंगूबाई संग पंगा लेने से डरते थे लोग
गंगूबाई से जबरदस्ती धंधा करवाया जाता था। जिसके बाद वह उसी के रंग में रंग गई और जल्द ही गंगूबाई कोठेवाली बन गईं। वह मुंबई स्थित हीरामंडी में कोठा चलाती थी। इतना ही नहीं गंगूबाई पहली ऐसी महिला थी जिसने देश के कई शहरों में कोठे खोले थे। गंगूबाई ने मुश्किलों का सामना कर खुद को इतना मजबूत और निडर बनाया कि उनकी दबदबा देख कोई भी उनसे मुसीबत मोल नहीं लेता था।
गंगूबाई का हुआ था बलात्कार
'माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई' किताब में डॉन करीम लाला के बारे में भी बताया गया है। गंगूबाई का करीम लाला के गैंग के एक सदस्य ने बलात्कार किया था। जिसके बाद गंगूबाई इंसाफ मांगने करीम लाला के पास गई और उन्हें राखी बांधकर अपना भाई बनाया। वहीं एक भाई होने के नाते करीम लाला ने गंगूबाई को कमाठीपुरा सौंप दिया।
सबसे बड़ी लेडी डॉन
वैसे तो गंगूबाई को मुंबई की सबसे बड़ी लेडी डॉन से भी पहचाना जाता है लेकिन उन्होंने उन्होंने हमेशा वैश्याओं को उनका अधिकार दिलवाने में उनकी मदद की। गंगूबाई की एक खासियत यह थी कि वह कभी भी किसी महिला को जबरदस्ती धंधे में नहीं धकेलती था।