अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होते ही वहां के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़ कर भाग गए हैं जिससे उनकी सत्ता गिर गई औऱ तालिबानियों का शासन लागू हो गया है। तालिबान का कब्जा होने के बाद देश के लोगों में खौफ और घबराहट का माहौल है। देश में तालिबान का कब्जा होने पर सबसे ज्यादा बुरा हाल महिलाओं का है। महिलाओं को डर है कि तालिबान उनके अधिकार दोबारा छीन लेगा जिससे उनकी जिंदगी जानवरों से भी बदतर हो जाएगी।
महिला पत्रकार ने सुनाई रोंगटे खड़े कर देने वाली आपबीती
काबुल में मौजूद एक महिला पत्रकार ने वहां की रोंगटे खड़े कर देने वाली आपबीती बयां की। महिला पत्रकार का कहना है कि रातों-रात महिलाओं के लिए पूरा शहर बदल गया है। यहां तक कि सड़क पर चलना भी अपना खौफ से खाली नहीं है, मानों जीवन रुक गया है।
अफगानी महिलाओं को इस बात का सता रहा है डर
बता दें कि 20 साल बाद अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आया है। चरमपंथी विद्रोही समूह से महिलाएं हमेशा से डरती रही हैं। अब जब तालिबान ने देश पर अपना कब्जा कर लिया है तो महिलाओं को डर है कि ये उनके सभी अधिकार छीन लेगा और जिदंगी के नर्क बना देंगे।
2001 में तालिबानी ने कर दी थी अफगान महिलाओं की ये हालत
दरअसल, 2001 से पहले जब अफगानिस्तान पर तालिबान का शासन था, उस समय महिलाओं के लिए कानून काफी दमनकारी थे। महिलाओं को न पढ़ने की इजाजत थी, न बाहर काम करने की। घर से बाहर निकलने के लिए भी महिलओं को किसी एक पुरुष रिश्तेदार को साथ लेकर जाना जरूरी होता था।
बिना बुर्के के घर से निकलने वाली लड़कियों को पीटते थे तालिबान
एक अफगान महिला ने 20 साल पुराने दिनों को याद कर बताया कि मुझे याद है कि कैसे तालिबानी उन महिलाओं और लड़कियों को पीटते थे जो बिना बुर्के के घर से निकल जाती थीं।
तालिबान आपकी वजह से आ रहे हैं!
इसी तरह एक अन्य पत्रकार ने ट्वीट कर बताया कि तालिबान के आने के डर ने पहले ही महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्थान में जहर घोल दिया है। काबुल में मेरी बहनें और दोस्त कहते हैं, जब वे आज घर जा रहे थे, लोग उन पर चिल्लाए। तालिबान आपकी वजह से आ रहे हैं! तालिबान यहां आपको अनुशासित करने के लिए हैं!