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सुबह का चेहरा बताता है आपकी किडनी की सेहत! जानिए कौन-से लक्षण हैं खतरे की घंटी

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 08 May, 2025 12:20 PM
सुबह का चेहरा बताता है आपकी किडनी की सेहत! जानिए कौन-से लक्षण हैं खतरे की घंटी

नारी डेस्क: हम रोज़ सुबह आईने में खुद को देखते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सुबह का चेहरा आपकी किडनी की हालत का आईना हो सकता है? अगर चेहरे पर सूजन, मुंह में अजीब स्वाद या हर वक्त थकान महसूस हो रही है, तो इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। ये संकेत आपकी किडनी की खराब होती सेहत की चेतावनी हो सकते हैं।

क्यों जरूरी है किडनी की सही तरह से काम करना?

किडनी का मुख्य काम शरीर से अपशिष्ट (वेस्ट) और अतिरिक्त पानी को बाहर निकालना होता है। लेकिन जब किडनी कमजोर या खराब होने लगती है, तो ये ज़हर (टॉक्सिन्स) शरीर में जमा होने लगते हैं। इसका असर सबसे पहले सुबह के वक्त चेहरे और शरीर पर दिखाई देने लगता है।

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किडनी डैमेज के संकेत – सुबह उठते ही ध्यान दें

 चेहरे और आंखों पर सूजन

सुबह उठते ही अगर आपकी आंखें सूजी हुई लगें, या चेहरा फूला-फूला दिखाई दे तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। जब किडनी शरीर से अतिरिक्त पानी और सोडियम को सही ढंग से बाहर नहीं निकाल पाती, तो ये तरल पदार्थ शरीर के ऊतकों (टिशूज़) में जमा होने लगते हैं, जिससे सूजन आने लगती है।

यह सूजन शुरुआत में हल्की हो सकती है, लेकिन धीरे-धीरे ये टखनों, पैरों और यहां तक कि पेट तक भी फैल सकती है। अगर चेहरा रोज़ाना सूज रहा है, तो यह क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) की ओर इशारा कर सकता है।

मुंह का स्वाद खराब या कड़वाहट

किडनी के सही से काम न करने पर शरीर में यूरिया और अन्य टॉक्सिन्स का स्तर बढ़ जाता है। ये पदार्थ खून में जमने लगते हैं और मुंह के स्वाद को बदल देते हैं। सुबह-सुबह मुंह कड़वा लगना, धातु जैसा स्वाद महसूस होना या सांसों से तेज़ बदबू आना – ये सभी लक्षण इस ओर इशारा करते हैं कि किडनी शरीर को साफ नहीं कर पा रही। अक्सर लोग इसे पाचन से जुड़ी समस्या समझकर टाल देते हैं, जबकि यह यूरीमिया (Uremia) का प्रारंभिक संकेत हो सकता है, जो किडनी फेल होने की शुरुआत मानी जाती है।

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हर वक्त थकान, कमजोरी और मसल क्रैम्प्स

अगर बिना किसी खास मेहनत के बार-बार थकान महसूस हो, शरीर सुस्त रहने लगे और पैरों में बार-बार ऐंठन या मांसपेशियों में खिंचाव हो, तो ये किडनी की कार्यक्षमता में गिरावट का संकेत हो सकते हैं। जब किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो वह एरिथ्रोपोइटिन (Erythropoietin) नामक हार्मोन नहीं बना पाती, जो रेड ब्लड सेल्स के निर्माण में मदद करता है। इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, और व्यक्ति को एनीमिया हो सकता है, जिससे थकान बढ़ती है। इसके अलावा, इलेक्ट्रोलाइट्स (जैसे कैल्शियम और पोटैशियम) का असंतुलन मांसपेशियों में क्रैम्प्स पैदा करता है, जिससे रात में नींद भी बाधित हो सकती है।

किडनी की सेहत के लिए क्या करें, क्या न करें?

रोज़ पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं (ज्यादा भी नहीं, कम भी नहीं) ,ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को कंट्रोल में रखें। 6 महीने में एक बार किडनी की जांच जरूर करवाएं। ज्यादा नमक और प्रोसेस्ड फूड खाने से बचें। बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयों का लगातार सेवन न करें। धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं।

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किडनी डैमेज धीरे-धीरे बढ़ने वाली बीमारी है, लेकिन शुरुआती लक्षण पहचानकर समय रहते इलाज शुरू किया जा सकता है। सुबह का चेहरा सिर्फ आपकी थकावट नहीं, आपकी किडनी की हालत भी दिखा सकता है। इसलिए शरीर के संकेतों को हल्के में न लें और समय पर जांच कराएं।
  


 

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