नारी डेस्क: पाकिस्तान की चर्चित टिकटॉकर सुमीरा राजपूत, जिनकी वीडियो पर लाखों दिल धड़कते थे, अब इस दुनिया में नहीं रहीं। उनकी मौत ने ना सिर्फ उनके चाहने वालों को हिला दिया है, बल्कि देश की उस सच्चाई को भी उजागर कर दिया है, जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है जबरन रिश्ते, महिलाओं पर दबाव और समाज की चुप्पी।
जहर से बुझ गई एक हंसती-बोलती ज़िंदगी
घोटकी ज़िले की रहने वाली सुमीरा राजपूत अपने घर में संदिग्ध हालत में मृत पाई गईं। उनकी 15 वर्षीय बेटी का आरोप है कि उन्हें जहरीली दवा देकर मारा गया। बेटी का कहना है कि कुछ लोग सुमीरा पर जबरन शादी का दबाव बना रहे थे। एक मां के तौर पर उन्होंने अपनी बेटी के लिए ज़िंदगी को दोबारा गढ़ा था टिकटॉक पर मेहनत की, पहचान बनाई, और अपनी हंसी के जरिए लाखों लोगों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरी। लेकिन इस मुस्कान के पीछे जो दर्द था, वो शायद किसी ने देखा ही नहीं।
58 हज़ार फॉलोअर्स, पर मौत के वक़्त अकेली
सुमीरा के टिकटॉक पर 58,000 फॉलोअर्स थे और 10 लाख से ज्यादा लाइक्स। लोग उन्हें उनके अंदाज़ और आत्मविश्वास के लिए पसंद करते थे। पर अफ़सोस, सोशल मीडिया की दुनिया में मशहूर ये चेहरा असल ज़िंदगी की सच्चाइयों से अकेले लड़ती रही। उनकी बेटी ने बताया कि पिछले कुछ समय से मां तनाव में थीं। उन्हें शादी के लिए मनमर्जी करने को मजबूर किया जा रहा था। और अंत में जो हुआ, वो सिर्फ एक मौत नहीं एक खामोश चीख थी, जिसे समाज ने अनसुना कर दिया।
पोस्टमार्टम में खुलासा मौत की वजह ज़हर
पुलिस ने बताया कि सुमीरा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ज़हर की पुष्टि हुई है। फिलहाल दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन FIR दर्ज नहीं की गई है। जांच जारी है और बेटी न्याय की उम्मीद में दर-दर भटक रही है।

लिंग आधारित हिंसा पर फिर उठे सवाल
सुमीरा की मौत ने पाकिस्तान में एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा, उनके फैसलों की आज़ादी और जबरन शादी जैसे गंभीर मुद्दों पर बहस छेड़ दी है। क्या कोई महिला सिर्फ इसलिए मारी जा सकती है क्योंकि उसने "ना" कहा?
सवाल यही है जब एक अकेली मां, अपने दम पर ज़िंदगी बनाने निकले, तो क्या समाज उसे सहारा देगा या सज़ा? सुमीरा अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी कहानी ज़िंदा रहनी चाहिए ताकि अगली "सुमीरा" को सिर्फ फॉलोअर्स नहीं, हक़ और सुरक्षा भी मिले।