नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रबीन्द्रनाथ टैगोर ने शांति निकेतन की स्थापना की थी। कला और साहित्य प्रेमियों के लिए शांति निकेतन किसी धार्मिक स्थल की तरह ही महत्व रखता है। देश-विदेश से लोग यहां कला के क्षेत्र में शिक्षा लेने आते हैं। यहां का शांत वातावरण और साहित्यिक पृष्ठभूमि विश्व भर में मशहूर है। इतना ही नहीं शांति निकेतन अपने विश्व भारती विश्वविद्यालय के लिए भी मशहूर है। तो चलिए आज आपको बताएंगे इस जगह की कुछ खास बातें...
रबीन्द्रनाथ टैगोर हाउस में बिताते थे समय
रबीन्द्रनाथ जहां सबसे ज्यादा समय बिताया करते थे उसे टैगोर हाउस कहते हैं। इस भवन का निर्माण रबीन्द्रनाथ टैगोर के पिता ने करवाया था, जो बंगाली पंरपरा को दर्शाता है। इसके अंदर कई तरह की कलाकृतियों से सजे कई कमरे हैं
कला भवन में दी जाती है शिक्षा
कला भवन शांति निकेतन के सांस्कृतिक धरोहर का प्रतिनिधित्व करता हैं। यहां विश्व भारती शिक्षा संस्थान है जिसकी स्थापना रबीन्द्रनाथ टैगोर ने की थी। यहां कला के प्रेमियों को शिक्षा दी जाती है।
विश्व-भारती विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाती है दुनियाभर की किताबें
भारतीय संस्कृति और परंपरा के अनुसार इस विश्वविद्यालय में दुनियाभर की किताबें पढ़ाई जाती हैं। यहां आज भी पेड़ के नीचे जमीन पर बैठकर छात्रों को पढ़ाया जाता है। कला प्रेमियों को यह जगह बहुत पसंद है क्योंकि ये म्यूजिक, डांस, ड्रामा जैसी सांस्कृतिक कलाओं को सिखाया जाता है।
छातीमताला
छातीमताला रबीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा कला, ध्यान और अन्य गतिविधियों के लिए बनाया गया था। ये पूरी जगह हरियाली से भरी हुई है। आप चाहें तो यहां कुछ देर शांति से समय भी बीता सकते हैं।
रबीन्द्र भारती म्यूजियम
रबीन्द्रनाथ टैगोर से जुड़ी कला-रचनाओं का बड़ा संग्रह इस म्यूजियम में मौजूद है। यहां साहित्यिक रचनाओं से लेकर पांडुलिपियां तक मौजूद है।
दर्शनीय स्थलों में से एक अमर कुटीर
अमर कुटीर में पारंपरिक शैली से बनाए गए सामान को बेचा जाता है। यहां कपड़ों से बने साज-सज्जा के सामान, रंग-बिरंगे हथकरघा आसानी से मिल जाएंगे। यहां शिल्पकलाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक संग्रहालय भी है।