फैशन आए दिन बदलता रहता है। इन दिनों 'फास्ट फैशन' का काफी ट्रेंड है। आप भी सोच रहे होंगे कि ये फास्ट फैशन है क्या। दरअसल, फैशन 2 तरह का होता है। एक फास्ट और दूसरा स्लो। आजकल कपड़े बनाने वाली कपनियां फास्ट फैशन को बढ़ावा दे रही हैं ताकि वो ज्यादा कपड़े बनाएं। 'फास्ट फैशन' में कपनियां हर हफ्ते नए कपड़े रिलीज करती है और लोग उन्हें खरीदते है। 'फास्ट फैशन' के कपड़े जितनी तेजी से लोग खरीदते है उतनी ही तेजी से ये आउट ऑफ ट्रेंड भी हो जाते है। दूसरी ओर इसे बनाने के लिए सस्ते मैटेरियल का प्रयोग किया जाता है यानि की ये कपड़े लंबे समय तक नहीं चलते।
'स्लो फैशन' की बात करें तो इसमें कंपनियां सर्दी, गर्मी, बारिश और बसंत के हिसाब से कपड़े रिलीज करती है। वही भारत में लोग फास्ट फैशन की बजाय लंबे समय तक चलने वालों कपड़े पहनना और खरीदना पसंद कर रहे है। हाल में ही एशिया के सबसे बड़े क्लोदिंग ब्रांड यूनीक्लो ने कहा भारत में कस्टमर 'फास्ट-फैशन' की बजाय लॉन्ग लॉस्टिंग कपड़े पहनना पसंद कर रहे है जिससे कंपनी के विकास में मदद मिलेगी।
लंबे समय तक चलने वाले कपड़ों को पसंद कर रहे लोग
पिछले एक दशक में, ग्लोबल ब्रांड 'ज़ारा' और 'एचएंडएम' भारत में 'फास्ट फैशन' सेगमेंट में मार्केट लीडर बन गए हैं हालांकि, यूनीक्लो ने कहा कि भारत के साथ-साथ विश्व स्तर पर कस्टमर सस्ते और बड़े पैमाने पर उत्पादित कपड़ों के बजाय लंबे समय तक चलने वाले कपड़ों का चयन कर रहे हैं।
यूनीक्लो इंडिया के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर तोमोहिको सेई (Tomohiko Sei) ने एक नामी वेबसाइट के साथ की बातचीत में कहा, भारत एक महत्वपूर्ण और बहुत बड़ा प्राथमिकता वाला बाजार है। भारतीय ग्राहक गुणवत्ता और फिटिंग के प्रति संवेदनशील हैं जो कार्यात्मक हैं और हम देखते हैं कि कस्टमर की मानसिकता अल्पकालिक(short-term) फैशन से आवश्यक दीर्घकालिक(long-term) फैशन में बदल रही है।
क्लोदिंग ब्रांड यूनीक्लो की बात करें तो यह दुनिया भर में टी-शर्ट, जींस और ऊनी वस्त्र के लिए फेमस है।