
नारी डेस्क: उत्तर प्रदेश के वृंदावन के श्री प्रियाकान्त जू मंदिर में वीरवार को प्रसिद्ध हाइड्रोलिक होली मनाई जाएगी। होली उत्सव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और पूरे दिन रंगारंग कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। लड्डू-जलेबी होली, रसिया होली, लट्ठमार होली, छड्डीमार होली और गुलाल होली समेत कई तरह की होली खेली जाएगी। होली का त्योहार हंसी-खुशी और मौज-मस्ती से भरा होगा, क्योंकि भक्त होली की भावना का जश्न मनाने के लिए एक साथ आएंगे।

प्रमुख धार्मिक नेता देवकीनंदन महाराज हाइड्रोलिक पिचकारी का उपयोग करके भक्तों पर रंगों की वर्षा करेंगे, जो इस मंदिर में होली उत्सव की एक खास विशेषता बन गई है। मंदिर के अधिकारियों ने यह भी घोषणा की है कि इस आयोजन के लिए रंग प्राकृतिक टेसू के फूलों से तैयार किए जाएंगे, ताकि पर्यावरण के अनुकूल उत्सव मनाया जा सके। श्री प्रियाकान्त जू मंदिर में होली उत्सव की शुरुआत विश्व शांति प्रार्थना और श्रीमद्भागवत कथा के साथ हुई।

मंदिर के सचिव विजय शर्मा ने बताया कि गुरुवार को होलिका दहन के दिन, आगंतुकों को विभिन्न प्रकार के पारंपरिक होली समारोहों का अनुभव होगा, जो उन्हें ब्रज की संपूर्ण होली परंपराओं की झलक दिखाएंगे। उत्सव में भक्ति, मस्ती और सामुदायिक भावना का एक अनूठा मिश्रण होने की उम्मीद है, क्योंकि भक्त खुशी के उत्सव में भाग लेते हैं। श्री प्रियकांत जू मंदिर में इस वर्ष की होली सभी के लिए अविस्मरणीय अनुभव होने का वादा करती है, जिसमें आध्यात्मिक अनुष्ठानों को भारत के सबसे प्रिय त्योहारों में से एक की जीवंतता के साथ जोड़ा जाएगा।

वहीं वृंदावन में हर साल की तरह इस बार भी विधवा महिलाओं ने सामाजिक बंधनों को तोड़ते हुए ऐतिहासिक गोपीनाथ मंदिर में होली मनाई। खुशी और सशक्तीकरण के जीवंत प्रदर्शन में सैकड़ों विधवाओं ने रंग उड़ाए, कृष्ण भजनों पर नृत्य किया और फूलों की पंखुड़ियों एवं गुलाल की बारिश के साथ होली का त्योहार मनाया। करीब एक दशक पहले तक इन महिलाओं के लिए इस तरह के उत्सवों से खुद को जोड़ पाने के बारे में सोचना भी प्रतिबंधित था।