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हम यहां क्यों हैं? आपका भी बच्चा पूछता है अटपटे सवाल तो यूं दें जवाब

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 17 Feb, 2025 01:38 PM
हम यहां क्यों हैं? आपका भी बच्चा पूछता है अटपटे सवाल तो यूं दें जवाब

नारी डेस्क: यदि आपका छोटा बच्चा पूछता है “जीवन का अर्थ क्या है?, “हम यहां क्यों हैं?”हम बिल्ली को खाना क्यों खिलाते रहते हैं?”तो आप शायद इस तरह के सवालों को हंसी में उड़ा देते हैं। बच्चे बहुत जिज्ञासु होते हैं और उनके सवाल कभी-कभी माता-पिता को असमंजस में डाल सकते हैं। लेकिन सही तरीके से जवाब देना उनकी सीखने की क्षमता, आत्मविश्वास और सोचने की क्षमता को बढ़ाता है। अमेरिकी शोधकर्ता और लेखिका जन मोहर लोन ने 20 से ज्यादा सालों तक छोटे बच्चों पर स्टडी कर पाया कि यह खुलापन बच्चों को स्वाभाविक दार्शनिक बनाता है। ऐसे में माता- पिता को चाहिए कि वह इन वार्तालापों को प्रोत्साहित करें। आप उन्हें जिज्ञासु, विचारशील और चिंतनशील व्यक्ति बनने में मदद कर सकते हैं।

 

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माता-पिता यह कैसे कर सकते हैं?

जब आपका बच्चा “जीवन का अर्थ क्या है?” जैसा कोई गहरा सवाल पूछता है, तो आपको जवाब देने की ज़रूरत नहीं है, आपको बस बातचीत शुरू करने की ज़रूरत है। सबसे पहले, अपने बच्चे को सवाल पर चिंतन करने के लिए प्रेरित करें। आप पूछ सकते हैं- “आप क्या सोचते हैं?” इससे आपके बच्चे को अपने अनुभवों का पता लगाने का मौका मिलता है। आप उनसे पूछ सकते हैं- "क्या आपको लगता है कि सभी के लिए जीवन का यही अर्थ है?" इससे स्वयं से परे एक दार्शनिक चर्चा खुलती है।

 

आपको ऐसा क्यों करना चाहिए?

शैक्षिक शोध में पाया गया है कि दार्शनिक संवाद बच्चों की तार्किक तर्कशक्ति, पढ़ने और गणित की समझ, आत्म-सम्मान और बारी-बारी से बोलने की क्षमता को बेहतर बनाता है। अध्ययनों में पाया गया है कि यह बच्चों के बचपन, प्राथमिक विद्यालय और हाई स्कूल में शैक्षणिक और सामाजिक विकास को लाभ पहुंचाता है। अगर आपके बच्चे चित्र बना रहे हैं, तो आप पूछ सकते हैं कि कला क्या है? कल्पना क्या है? अगर वे कुत्ते से बात कर रहे हैं- भाषा क्या है? समझ क्या है? उदासी क्या है? अगली बार जब आपका बच्चा कोई बड़ा सवाल पूछे, तो उस पल को गले लगाए। निष्पक्षता, प्यार और खुशी जैसी अवधारणाओं की खोज करके, आप उन्हें दुनिया की व्याख्या करने और अधिक विचारशील व्यक्ति बनने में मदद कर रहे हैं।

 

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बच्चों के सवालों का जवाब देने के आसान और सही तरीके

जब बच्चा कोई सवाल पूछे, तो उसे ध्यान से सुनें और बीच में न टोकें। कभी भी "ये बेकार का सवाल है" या "बड़े होकर समझोगे" जैसी बातें न कहें। इससे बच्चा सवाल पूछने से हिचकिचाएगा।  बच्चों को लंबी और जटिल बातें समझना मुश्किल होता है। इसलिए सिंपल और शॉर्ट जवाब दें। उदाहरण के लिए, अगर बच्चा पूछे, "आसमान नीला क्यों होता है?" तो कह सकते हैं-"सूरज की रोशनी में कई रंग होते हैं, और नीला रंग सबसे ज्यादा दिखता है।"

 

बच्चे की उम्र के हिसाब से जवाब दें

3-5 साल के बच्चे के सवालों के जवाब सरल हों। 6-10 साल के बच्चे के लिए थोड़ा डिटेल में समझा सकते हैं। टीनेजर्स के साथओपन डिस्कशन करें और उन्हें खुद सोचने पर प्रेरित करें।  वाले सवालों के जवाब देते समय तर्क और साइंस को जोड़ें। हर सवाल का सीधा जवाब न देकर कभी-कभी उनसे भी पूछें – "तुम्हें क्या लगता है?" इससे उनकी क्रिएटिव थिंकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल डेवलप होगी। 

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