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हॉर्मोंस के हेर-फेर का कारण है लाइफस्टाइल की गड़बड़ी, बदलें आदतें

  • Edited By Priya verma,
  • Updated: 04 Oct, 2018 06:29 PM
हॉर्मोंस के हेर-फेर का कारण है लाइफस्टाइल की गड़बड़ी, बदलें आदतें

हॉर्मोंस को सेहत के ताले की चाबी कहना गलत नहीं होगा। ये बॉडी के सिस्टम को  कंट्रोल रखने का काम करते हैं। शरीर की एंडोक्राइन ग्लैंड्स में उत्पन्न होने वाले खास तरह के केमिकल्स जो एक कोशिका से दूसरी कोशिका तक सिग्नल पहुंचाते हैं, इस तरह वे शारीरिक विकास और नर्वस सिस्टम की गतिविधियों को कंट्रोल करने का काम करते हैं। मेटाबॉलिज्म,वजन, पाचन क्रिया, मस्तिष्क की गतिविधियां, मूड आदि के लिए हॉर्मोंस ही जिम्मेदार हैं। इनके असंतुलन से बॉडी का पूरा सिस्टम बिगड़ना शुरू हो जाता है। जिससे थाइराइड,डायबिटीज,तनाव, बेचैनी कई तरह की बीमारियां इंसान के घेर लेती हैं। 

क्या है हॉर्मोंन असंतुलन?
जब शरीर में हॉर्मोंन बहुत ज्यादा बढ़ने या फिर कम होने शुरू हो जाते हैं तो यह हार्मोन इम्बैलेंस कहलाता है। 
 

हॉर्मोंन असंतुलन के कारण
अनियमित दिनचर्या और असंतुलित खानपान इसकी खास और शुरुआती वजह मानी जाती हैं। यह किसी को भी और किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन एक बार यह परेशानी आ जाने से लाइफ उथल-पुथल हो जाती है। 
 

1. खान-पान की आदतें
फास्ट फूड का रोजाना सेवन सेहत को खराब कर रहा है। इससे मोटापा बढ़ता है, जिससे हॉर्मोंस बिगड़ने लगते हैं। 
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2. प्यूबर्टी
कोल्ड ड्रिंक, चिप्स, पैक्ज्ड फूड्स खाने से बच्चे जल्दी मैच्यूर हो रहे हैं। इस कारण समय से पहले प्यूबर्टी हो रही हैं और 10-11 की उम्र में लड़कियों को पीरियड्स शुरू हो रहा है। 
 

3. छोटी उम्र में मेनोपॉज
30 साल की महिलाओं में मेनोपॉज की परेशानी देखने को मिल रही हैं। यह हॉर्मोंस असंतुलन का कारण है। यह जल्दी बूढ़े होने की निशानी है। 
 

4. गर्भावस्था
कुछ महिलाओं में प्रेग्नेसी के दौरान भी हॉर्मोंस का असंतुलन हो जाता है। जिससे बाद में तनाव डिप्रेशन का अनुभव करती हैं। कुछ महिलाओं के मन में तो नाकारात्मक विचार भी आने लगते हैं। 
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हो सकती हैं ये बीमारियां
इससे मोटापा,डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, दिल से जुड़े रोग,मोटापा, स्तन व गर्भाशय का कैंसर,अवसाद,पीसीओएस, बांझपन आदि कई गंभीर रोग हो सकते हैं। 

 

क्या है हॉर्मोंन संतुलन का राज?
स्वस्थ रहने के लिए खुद की तरफ ध्यान देना बहुत जरूरी है। सबसे पहले अपनी दिनचर्या बदलें, हेल्दी डाइट, नियमित व्यायाम करें, मेडिटेशन करें,पर्याप्त पानी पिएं, भरपूर नींद लें, फास्ट फूड से दूरी बनाएं। यह चीजें बहुत हद तक आपकी परेशानी को दूर कर सकती हैं। 

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