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डायबिटीज से लेकर झुर्रियों तक, विटामिन ई से मिलेंगे कई फायदे

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 01 Dec, 2018 10:52 AM
डायबिटीज से लेकर झुर्रियों तक, विटामिन ई से मिलेंगे कई फायदे

स्वस्थ रहने और बीमारियों से बचने के लिए विटामिन्स बहुत जरूरी है। इन्हीं में से एक है विटामिन-ई। विटामिन-E न सिर्फ बीमारियों से बचाता है बल्कि यह बालों और त्वचा के लिए फायदेमंद है। डॉक्टर्स भी हेयरफॉल व झुर्रियों जैसी प्रॉब्लम से बचने के लिए विटामिन ई के कैप्सूल्स और आहारों को लेने की सलाह देते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि विटामिन 'E' से शरीर को क्या-क्या फायदे होते हैं और कैसे इसकी कमी को पूरा किया जाए।

विटामिन ई एंटीऑक्सीडेंट की तरह होता है

विटामिन ई एंटीऑक्सीडेंट की तरह ही कार्य करता है। दरअसल, यह वसा में घुलनशील होता है और एक अच्छे एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी कार्य करता है। यह शरीर को एलर्जी या इंफेक्शन से बचाने के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है, जिससे आप कई बीमारियों से बचे रहते हैं।

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विटामिन ई के प्राकृतिक स्रोत

¼ कप सूरजमुखी के बीज 11.6 मि.ली. ग्राम विटामिन ई पाया जाता है। वहीं, बादाम 7.3 Mg, हेजलनट्स 4.2 Mg, पालक 3.7 Mg, एवोकाडो 3.1 Mg, पाम ऑयल 2.2 Mg, मूंगफली 1.9 Mg, जैतून का तेल 1.9 Mg, शकरकंद 1.4 Mg और टमाटर में 1.3 Mg विटामिन ई होता है। साथ ही अंडे, हरी पत्तेदार सब्जियां, सरसों, शलजम, ब्रोकली, कड लीवर ऑयल, आम, पपीता, कद्दू, पॉपकार्न से भी विटामिन-ई मिलता है। इसके अलावा गेंहू, साग, चना, जौ, खजूर, चावल के मांढ, क्रीम, मक्‍खन, स्‍प्राउट और फल भी विटामिन-ई के प्राकृतिक स्रोत है।

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विटामिन ई कितना मात्रा में लेना चाहिए ?

आरडीए (अनुशंसित आहार भत्ता) के अनुसार, हर व्यक्ति को प्रतिदिन 15 मि.ली. विटामिन ई लेना चाहिए। साथ ही जो महिलाएं स्तनपान करवा रही हैं उनको 19 मि.ली. तक विटामिन ई लेना चाहिए।बच्‍चों की उम्र के अनुसार विटामिन ई की सेवन मात्रा इस प्रकार है-
0-6 माह की उम्र में- 4 मि.ली
7-12 माह की उम्र में- 5 मि.ली
1-3 साल की उम्र में- 6 मि.ली
4-8 वर्ष की उम्र में- 7 मि.ली.
9-13 वर्ष की आयु में- 11 मि.ली.
14 और इससे अधिक उम्र में- 15 मि.ली.

विटामिन ई के फायदे
डायबिटीज में फायदेमंद

एक रिसर्च के मुताबिक, 40% डायबिटीज मरीजों को हृदय रोगों का खतरा 3 गुना ज्यादा होता है। ऐसे में आपको प्रतिदिन 400 आइयू विटामिन-ई लेना चाहिए। इससे न सिर्फ दिल के रोगों का खतरा कम होगा बल्कि यह शरीर में इंसुलिन के उत्पादन की क्षमता भी बढ़ाएगा, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहेगी।

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रक्त कोशिकाओं का करता है निर्माण

विटामिन ई, शरीर में खून को बनाने वाली रेड ब्‍लड सेल्‍स यानि लाल रक्‍त कोशिकाओं का निर्माण करता है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को विटामिन ई का सेवन जरूर करना चाहिए क्योंकि इससे एनीमिया की शिकायत नहीं होती।

दिल के रोगों को रखें दूर

विटामिन ई कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल में रखता है, जिससे आप दिल के रोगों से बचे रहते हैं। साथ ही इसका सेवन हार्ट अटैक के खतरे को भी कम करता है।

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डिमेंशिया का करे इलाज

डिमेंशिया के असर को कम करने में विटामिन ई बहुत फायदेमंद होता है। यह लोगों की आयु के रूप में मानसिक कार्य पर सुरक्षात्‍मक प्रभाव डालता है, जिससे ना सिर्फ डिमेंशिया बल्कि डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी दूर होती है।

आंखों के लिए फायदेमंद

रिपोर्ट के मुताबि, प्रतिदिन भरपूर मात्रा में इसका सेवन करने से आंखें स्वस्थ रहती हैं। साथ ही इससे धुंधलेपन, आंखों में जलन और रैशेज जैसी समस्याएं भी दूर होती है।

कैंसर से बचाव

एंटीऑक्‍सीडेंट के गुणों से भरपूर होने के कारण इसका सेवन कैंसर के खतरे को भी कम करता है। रिसर्च के मुताबिक, सही मात्रा में विटामिन ई लेने से स्किन कैंसर का खतरा भी कम होता है।

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त्वचा को बनाएं ग्लोइंग

विटामिन ई युक्त फलों का सेवन त्वचा में ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखता है, जिससे स्किन सॉफ्ट और ग्लोइंग होती है।

एंटी-एजिंग की समस्याएं

विटामिन-ई में एंटीऑक्सीडेंट्स पाएं जाते हैं, जो त्वचा पर बढ़ती उम्र के असर को कम करते हैं। इसका भरपूर मात्रा में सेवन करने से आप झाइयां, झुर्रियां, फाइन लाइन्स और डार्क सर्कल्स जैसी एंटी-एजिंग की समस्याओं से बचे रहते हैं।

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बेहतरीन क्लींजर

विटामिन-ई का एक बेहतरीन क्लींजर है, जो त्वचा की सभी परतों पर जमी गंदगी और मृत कोशिकाओं की सफाई करने में मदद करता है।

प्राकृतिक नमी

त्वचा को प्राकृतिक नमी प्रदान करने के लिए विटामिन-ई बहुत फायदेमंद है। इसके अलावा यह त्वचा में कोशिकाओं का नवनिर्माण करने में भी मदद करता है।

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यूवी किरणों से बचाव

सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने में विटामिन-ई अहम भूमिका निभाता है। सनबर्न की समस्या जैसी समस्याओं से विटामिन-ई त्वचा की रक्षा करता है।

बालों को बनाएं मजबूत

विटामिन केशिकाओं को प्ररित करता है और स्कैल्प के रक्त परिसंचरण में सुधार करता है। इससे बालों की ग्रोथ में मदद मिलती है और हेयर फॉल, डैंड्रफ जैसी समस्याएं भी दूर होती हैं।

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