घर में छोटे बच्चों को आने से मानो बहार सी आ जाती है खासकर जो पेरेंट्स अपने पहले बेबी का लंबे समय से आने का इंतजार करते हैं उनके लिए तो बच्चे की हंसी और भी प्यारी होती है। कई पेरेंट्स तो यह भी कहते हैं कि बच्चे के आने से उनकी पूरी जिंदगी ही बदल गई है और अब वह पहले से भी ज्यादा खुश रहते हैं। बच्चे का चेहरा देखकर बड़े लोगों की सारी थकान भी उतर जाती है। कल पूरे विश्व में विश्व हंसी दिवस मनाया जाएगा। ऐसे में इस मौके पर आपको बताते हैं कि बच्चे की हंसी से आपका घर कैसे चहकेगा....
शिशु की स्माइल भर देगी खुशियों से घर
बेबी के चेहरे की मुस्कान देखकर हर किसी के दिल का दर्द ही दूर हो जाता है। यह सिर्फ बच्चे के माता-पिता के साथ नहीं बल्कि उसे मुस्कुराते हुए देख हर इंसान को हाता है। शिशु जब भी हंसता, मुस्कुराता है या किलकारियां मारता है। शिशु की हंसी के साथ दूसरे के चेहरे पर भी हंसी आ जाती है। दो महीने की बच्चे की आवाज सुन सभी हंसना शुरु कर देते हैं।
बच्चे कब शुरु करते हैं हंसना
बच्चे 3-5 महीने की उम्र तक हंसना और किलकारियां मारना शुरु कर देते हैं। इस समय वो अलग-अलग तरह की आवाजें निकालना सीख रहे होते हैं उनके हंसने पर पेरेंट्स जो रिएक्शन देते हैं वह बच्चे को बहुत ही अच्छे लगते हैं।
परिवार को भी मिलते हैं कई फायदे
एक्सपर्ट्स की मानें तो छोटे बच्चों के हंसने से परिवार के सदस्यों के साथ बॉन्ड बनाने में मदद मिलती है। इसके अलावा बच्चों की सोशल स्किल्स, प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स, क्रिएटिविटी और याददाश्त मजबूत होती है। हंसने से आत्मविश्वास बढ़ता है और एक तरह की सहानुभूति का विकास भी होता है जो माता-पिता बच्चे को हंसाने की हर समय कोशिश करते हैं उनके घर में भी हमेशा पॉजिटिविटी और खुशियां बनी रहती हैं।
घर में आती है पॉजिटिविटी
जब भी बेबी मुस्कुराता है या फिर हंसता है तो उसकी प्यारी सी आवाज के साथ पूरा घर खुशियों और पॉजिटिविटी के साथ भर जाता है। घर के सदस्य भी यह फीलिंग बहुत ही अच्छी लगती है और उनमें एक पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है।
बनता है परिवार के सदस्यों के साथ बॉन्ड
पेरेंट्स की कई बार हरकतें देखकर बच्चे मुस्कुराने लगते हैं इसका मतलब होता है कि आप उन्हें पसंद आ रहे हैं और उसका परिवार के साथ भी एक अच्छा बॉन्ड बनने लगता है।