हनुमान जयंती को भगवान हनुमान के जन्मदिन के रुप में मनाया जाता है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं। हस साल हनुमान जयंती हिंदू महीने के चैत्र पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। कुछ स्थानों पर हनुमान जयंती हिंदू महीने कार्तिक में अंधेरे पखवाड़े के चौंदहवें दिन मनाई जाती है। आइए आपको बताते हैं हनुमान जयंती का व्रत और पूजा विधि...
व्रत और पूजा विधि
इस व्रत में तात्कालिक तिथि ली जाती है।
व्रत से एक रात पहले जमीन पर रात-सीता और हनुमान का स्मरण करें।
सुबह जल्दी उठकर एक बार फिर राम-सीता और हनुमान का स्मरण करें।
सुबह जल्दी नहा-धोकर तैयार हो जाएं।
अब हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें।
इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के पास बैठ जाएं, बैठते समय पूर्व या उत्तर की ओर मुख करें।
सबसे विनम्र तरीके से भगवान हनुमान से प्रार्थना करें।
इसके अलावा, षोडशोपचार के सभी अनुष्ठानों के बाद उनकी पूजा करें।
कथा
अंजनी एक अप्सरा थी, उसने एक श्राप के कारण पृथ्वी पर जन्म लिया था। पुत्र को जन्म देने के बाद ही वह इस श्राप से मुक्त हो सकीं। वाल्मीकि रामायण के अनुसार हनुमान के पिता सुमेरु के राजा केसरी थे। केसरी बृहस्पति के पुत्र थे। अंजनी ने पुत्र की चाह में 12 सालों तक शिव से प्रार्थना की। फलस्वरूप उसे हनुमान प्राप्त हुए। माना जाता है कि हनुमान शिव के अवतार है।
तिथि
इस साल हनुमान जयंती 6 अप्रैल 2023 दिन गुरुवार को मनाई जाएगी।
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ 5 अप्रैल 2023 को प्रात 9 बजकर 19 मिनट से
पूर्णिमा तिथि का समापन 6 अप्रैल 2023 को सुबह 10 बजकर 4 मिनट पर होगा।