एक ही स्थिति में घंटों बैठे या लेटे रहने से अक्सर शरीर के अंगों में सुइयों जैसी चुभन होने लगती हैं जिसे हम आप भाषा में अंगों का सुन्न होना कहते हैं। ऐसा ज्यादातर हाथ व पैर की नसों में ही देखने को मिलता है। यह समस्या उम्रदराज लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है जबकि इसे नॉर्मल समझकर अनदेखा कर दिया जाता है जबकि मेडिकल टर्म में इसे पारेथेसिया (paresthesia) कहा जाता है जो आपकी सेहत के लिए हानिकारक है। शरीर के किसी भी हिस्से में महसूस होने वाली यह चुभन गंभीर बीमारी का रूप भी ले सकती है क्योंकि इससे चुभन वाले अंग में पर्याप्त रुप में ब्लड सप्लाई नहीं हो पाता है।
अंग के सुन्न होने की वजह
लाइफस्टाइल की गड़बड़ी इसकी सबसे बड़ी वजह है जो सीधे नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। ऐसा अक्सर उन लोगों के साथ होता है जो एक स्थिति में बैठे रहते हैं। इसके अलावा कुछ और कारण भी अंगों के सुन्न करते हैं। जैसेः
हाई ब्लड प्रेशर
विटामिन डी की कमी
रीढ़ की हड्डी या मस्तिष्क में ट्यूमर
पोषक तत्वों की कमी
चोट लगना
तंग कपड़े पहनना
नर्वस सिस्टम' (तंत्रिकाओं) पर पड़ता है असर
नर्वस यानि तंत्रिकाएं शरीर में चलने वाले छोटे तारों की तरह होती हैं। यह फाइबर से बनी होती हैं जिनका काम ब्रेन और शरीर के हिस्सों के बीच संदेश ले जाना है। जब लंबे समय तक कोई अंग एक ही स्थिति या दबाव में रहता है तो इसका असर नर्वस सिस्टम पर पड़ता है। इससे नसों द्वारा पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन और रक्त का संचार नहीं हो पाता। ब्रेन तक उस अंग के बारे में पहुंचने वाली जानकारी अवरुद्ध हो जाती है। जिस कारण वहां संवेदना नहीं हो पाती और वह अंग सो जाता है। इससे सुईया चुभने का अहसास होता है। जब अंग से दबाव हट जाता है तब नर्वस सिस्टम में ऑक्सीजन का संचार दोबारा शुरू हो जाता है। ब्रेन और नर्वस सिस्टम अपना काम करना शुरू कर देते हैं।
किन लोगों को होती है यह परेशानी
कभी-कभी हाथों-पैरों या शरीर के किसी अंग में सुन्नपन होना सामान्य है लेकिन हर रोज या दिन में कई बार ऐसी स्थिति हो तो सावधान हो जाना चाहिए। डॉक्टरी सलाह लेकर इसका इलाज करवाना शुरू कर दें। जानें, कौन-से लोग जल्द होते हैं इस परेशानी का शिकार।
औरतें होती हैं ज्यादा शिकार
पुरुषों की तुलना में औरतों को इसका तिगुना खतरा रहता है। गर्भावस्था, पीरियड्स की अनियमित्ता, मेनोपोज को दौरान या बाद में यह परेशानी बढ़ जाती है।
मोटापा भी है कारण
मोटापे के शिकार लोगों के हाथ-पैरों में अक्सर सूईयां चुभने का अहसास और सुन्नपन होना शुरू हो जाता है। शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी तंत्रिकाओं को प्रभावित करती है।
कंप्यूटर या मोबाइल का घंटों इस्तेमाल
जो लोग लगातार 7 या 8 घंटे कंप्यूटर पर काम करते हैं या फिर घंटों मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं उनका नर्वस सिस्टम भी बिगड़ने लगता है। जिससे वे जल्दी पारेथेसिया का शिकार हो जाते हैं।
गंभीर बीमारियां भी हैं वजह
डायबिटीज, थायरॉइड या आर्थराइटिस आदि जैसी बीमारियों के शिकार लोगों के शारीरिक अंगों में सुन्नपन आने लगता है। तंत्रिका तंत्र प्रभावित होकर सुईयां चुभने का अहसास होता है। ऐसा शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है।
किन तरीकों से पाएं राहत
सबसे पहले इस स्थिति को नजरअंदाज न करके डॉक्टरी जांच करवाएं। इसके बाद अपने लाइफस्टाइल पर ध्यान दें ताकि शरीर में आ रही कमजोरी को दूर किया जा सके।
'फिजियोथैरेपी' करवाएं
इस परेशानी से राहत पाने के लिए फिजियोथैरेपी करवा सकते हैं। डॉक्टरी परामर्श से यह ट्रीटमेंट शुरू कर दें, इससे जल्दी आराम मिलना शुरू हो जाएगा।
विटामिन डी की कमी करें पूरी
शरीर में नर्वस सिस्टम प्रभावित होने का कारण विटामिन डी की कमी भी है। इस कमी को पूरी करने के लिए रोजाना कम से कम 10 मिनट सूरज की किरणों में जरूर बैठें। इसके अलावा सी फूड्स, बींस, संतरा, मछली का तेल आदि अपने आहार में शामिल करें।
योग के लिए समय निकालें
योग क्रियाओं के जरिए भी इस समस्या से जल्दी राहत पाई जा सकती है। रोजाना 30 मिनट योग करें, इससे गंभीर बीमारियां, मोटापा आदि दूर होने के साथ-साथ सुन्नपन से भी राहत मिलेगी।