03 NOVSUNDAY2024 1:06:22 AM
Nari

गुरु गोबिंद सिंह जयंती: भारत के मशहूर गुरुद्वारे, जहां हर धर्म के लोगों के लिए खुले हैं दरवाजे

  • Edited By neetu,
  • Updated: 20 Jan, 2021 01:59 PM
गुरु गोबिंद सिंह जयंती: भारत के मशहूर गुरुद्वारे, जहां हर धर्म के लोगों के लिए खुले हैं दरवाजे

आज सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह की जयंती का शुभ अवसर पूरे देश में बड़ी धूम से मनाया जा रहा है। गुरु जी का जन्म पटना साहिब में सन 1666 को हुआ था। उनके पिता का नाम गुरु तेग बहादुर सिख धर्म के नवमें गुरु थे। गुरु जी की माता का नाम गुजरी था। ऐसे में आज उनकी जयंती व प्रकाश पर्व को देशभर में बहुत ही खुशी व धूमधाम से मनाता जाता है। इस दिन लोग गुरुद्वारों में माथे टेकने के साथ घर व गुरुद्वारों में कीर्तन करते हैं। बहुत से लोग गरीब व बेसहारा लोगों के लिए लंगर का आयोजन करते हैं। इस दिन गुरुद्वारों को खासतौर पर फूलों व लाइट्स से सजाया जाता है। तो चलिए आज इस शुभ अवसर पर हम आपको देश के कुछ गुरुद्वारों के बारे में बताते हैं...

गुरुद्वारा हरमंदिर साहिब सिंह, अमृतसर

गुरु की नगरी कहलवाने वाले अमृतसर में हरमंदिर साहिब स्थापित है। माना जाता है कि इस गुरुद्वारे को बचाने के लिए महाराज रणजीय सिंह ने इसके ऊपरी भाग को स्वर्ण यानी सोने से ढका था। ऐसे में विशेष तौर पर सोने से तैयार होने के कारण इसे स्वर्ण मंदिर  यानी गोल्डल टेंपल कहा जाता है। 

PunjabKesari

PunjabKesari

गुरुद्वारा पौंटा साहिब, हिमाचल प्रदेश

गुरुद्वारा पौंटा साहिब हिमाचल प्रदेश का एक बेहद ही पवित्र व मशहूर गुरुद्वारा है। माना जाता है कि इसी स्थान पर गुरु गोबिंद सिंह करीब 4 साल तक रहे थे। ऐसे में इसे गुरु जी की याद में बनवाया गया था। यहां पर एक सोने से बनी पाल्की भी है, जिसे किसी भक्त ने चढ़ाया था। 

PunjabKesari

PunjabKesari

तख्त श्री दमदमा साहिब, बठिंडा 

इस गुरुद्वारे को सिखों के पांच तख्तों में से एक माना जाता है। इसे तलवंडी साबों के नाम से भी जाना जाता है। यह पंजाब के बठिंडा शहर में स्थापित है। बात अगर दमदमा के शाब्दिक अर्थ की करें तो इसका मतलब है जहां सांस ली जा सके। कहा जाता है कि जब गुरु जी युद्ध में लड़ने के बाद यहां पहुंचे थे तो इसी जगह पर उन्होंने अपने कमर पर बंधे कमरकस्से को खोला और फिर एक लंबी सांस (दम) ली। ऐसे में यह स्थान तख्त श्री दमदमा साहिब नाम से पूजा जाने लगा। साथ ही इसी पवित्र भूमि पर गुरु गोबिंद जी ने गुरु ग्रंथ साहिब जी के पूर्ण संस्करण को तैयार किया था। 

PunjabKesari

PunjabKesari

गुरुद्वारा श्री हरमंदि‍र जी, पटना

इस पवित्र गुरुद्वारे को भी सिखों के पांच पवित्र तख्तों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि इसे महाराजा रणजीत सिंह ने बनवाया था। साथ ही पटना की पवित्र भूमि पर ही गुरु गोबिंद जी का जन्म हुआ था। 

PunjabKesari

PunjabKesari

गुरुद्वारा श्री हेमकुंठ साहिब, उत्तराखंड

उत्तराखंड की धरती पर स्थित गुरुद्वारा श्री हेमकुंठ साहिब अपनी वास्तुकला से दुनियाभर में मशहूर है। माना जाता है कि यह पवित्र गुरुद्वारा समुद्र तल से करीब 4000 मीटर की ऊंचाई पर बना है। उत्तराखंड का स्थान ठंडा होने के कारण साल में अक्तूबर से लेकर अप्रैल तक वहां बर्फ पड़ती है। ऐसे में इस दौरान गुरुद्वारा बंद रहता है। 

PunjabKesari

PunjabKesari

गुरुद्वारा बंगला साहिब, दिल्ली

यह गुरुद्वारा भारत की राजधानी दिल्ली में स्थापित है। इसे सन 1664 में सिखों के आंठवें गुरु हरकृष्ण जी ने बनवाया था। सोने के गुंबद से तैयार इस गुरुद्वारा की आसानी से पहचान हो जाती है। साथ ही इसके बीच में बने तालाब के पानी को बेहद ही पवित्र व जीवनदायी कहा जाता है। 

PunjabKesari

 

PunjabKesari

ऐसे में शुभ दिन पर खासतौर पर इन गुरुद्वारों को सजाया जाता है। साथ ही ये गुरुद्वारे हर धर्म के लोगों के लिए हमेशा खुले रहते हैं। ऐसे में देश-विदेश से लोग इन धार्मिक स्थलों पर मात्था टेकने आते हैं। 

Related News