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रिश्ते में कहीं आप भी तो नहीं हो रहे Gaslighting का शिकार

  • Edited By Priya verma,
  • Updated: 03 Oct, 2018 06:05 PM
रिश्ते में कहीं आप भी तो नहीं हो रहे Gaslighting का शिकार

रिलेशनशिप में अक्सर कुछ बातों को लेकर नोक-झोंक होती ही रहती है। जीवनसाथी का रिश्ता इतना ज्यादा जरूरी होता है कि कई बार उसकी खामिया नजर ही नहीं आती। इसी में से एक है गैसलाइटिंग। जब आप किसी को हद से ज्यादा प्यार या फिर उस पर विश्वास करते हैं तो अक्सर गैसलाइटिंग का शिकार हो जाते हैं। 


गैसलाइटिंग को समझना जरूरी
यह ऐसा दुर्व्यवहार है जिसके जरिए बातों के दवाब में दूसरे इंसान का ब्रेन वॉश किया जाता है। बढ़ते मानसिक दवाब से गैसलाइट का शिकार इंसान खुद की सही बात में भी गलती महसूस करने लगता है। वह महसूस करने लगता है कि गलती उसी की है और अपनी क्षमताओं और फैसलों पर उसके मन में शक होने लगता है। वह समझ ही नहीं पाता कि उसके साथ बुरा व्यवहार हो रहा है। 


1. हर वक्त अपनी गलती मानना
जब दुर्व्यवहार करने वाला हर बात पर अपनी गलती मानना शुरू कर दे तो गैसलाइट से ग्रस्त इंसान खुद को दोषी मानता है। वे अपनी बात रख ही नहीं पाता और अपने आप को कोसता है। 

 

2. धमकाने की कोशिश
वे इंसान बात-बात पर आपको धमकाने की कोशिश करता है। उसकी जिंदगी में होने वाली हर बुरी चीज के लिए वे आपको दोषी ठहराता है। इस तरह आप खुद पर पड़ रहे मानसिक दवाब का पता ही नहीं लगवा पाते। 

 

3. हर चीज पर परेशान रहना
इससे दिमाग इतना ज्यादा भ्रमित हो जाता है कि इंसान छोटी से छोटी बात को भी गंभीरता से लेने लगता है। चिंता का असर उसकी सेहत पर भी दिखाई देने लगता है। 

 

4. फैसले लेने में कठिनाई
जब हर बात पर दबाव पड़ा रहे तो इंसान खुद के फैसले लेने में भी असमर्थ हो जाता है। उसमें पहले जैसा आत्मविश्वास नहीं रहता। मन की इच्छाएं और चाव खत्म हो जाते हैं। 

 

5. हर बात के लिए मांफी मांगना
खुद को हर बात का दोषी मानना और बात-बात के लिए मांफी मांगना भी गैसलाइटिंग का ही संकेत है। 



 

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