हर साल की तरह इस साल भी 5 जून यानी सोमवार को पूरे भारत में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाएगा। जिसका उद्देश्य पर्यावरण के मुद्दों के बारे में लोगों को जागरूक करना है। इस दिन प्रकृति प्रेमी पौधारोपण कर प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। बता दें कि पेड़-पौधे हमारे जीवन का एक बहुमूल्य हिस्सा हैं जिनके बिना जीवन की कल्पना अधूरी मालूम होती है। पेड़-पौधे न सिर्फ हमारे पर्यावरण को शुद्ध करते हैं, बल्कि हमारे अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा का उत्सर्जन करते हैं।
पेड़-पौधों का रखें ख्याल
इस दिन वृक्षों का खास ख्याल रखने के लिए आपको यही संकल्प लेना होगा कि उन्हें समय-समय पर खाद और पानी देते रहे। ऐसा करने से आपको चारों तरफ से ऑक्सीजन मिलेगी और अपका मन भी खुश रहेगा। साथ ही आसपास का वातावरण भी शुद्ध होगा और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करने के लिए घर के आस-पास या किसी गार्डन, सड़क के पास पौधे जरूर लगाएं । इस बात को कभी न भूले कि अगर आपका पर्यावरण स्वच्छ होगा तो हमारा जीवन सबसे बेहतर होगा।
पर्यावरण के बिना अधूरे हैं हम
पेड़-पौधे ही पर्यावरण के रक्षक होने के साथ उनको स्वच्छ भी बनाते हैं। इसके बिना कोई भी अपने जीवन की संभावना नहीं कर सकता है। इसलिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाने चाहिए। क्योंकि बदलते समय में प्रदूषण इतनी तेजी से बढ़ रहा है जिसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। अगर ऐसे ही प्रदूषण बढ़ता रहेगा, तो आने वाले कुछ सालों में हमारी जनरेशन के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा। ऐसी भयानक समस्या को दूर करने के लिए हम सभी को पर्यावरण की सुरक्षा करने का बीड़ा उठाना होगा।
पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई
इसकी शुरुआत 1972 में हुई थी। इस दिन की नींव संयुक्त राष्ट्र संघ ने 5 जून 1972 को रखी थी। इसी के बाद से हर साल लगातार 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाने लगा।
किस देश ने मनाया था सबसे पहले पर्यावरण दिवस
भले ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का फैसला किया हो लेकिन पर्यावरण दिवस को सबसे पहले स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में मनाया गया। 1972 में स्टॉकहोम में पहली बार पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें 119 देशों में हिस्सा लिया था।