इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 28 अक्तूबर को पड़ रहा है। इस दिन महिलाएं संतान प्राप्ति व उनके स्वस्थ और सुखी जीवन की कामना करते हुए व्रत रखती है। इस शुभ दिन पर माता अहोई के साथ सेई और उसके बच्चों की पूजा करने का भी महत्व है। इस व्रत को निर्जला व निराहार यानि बिना कुछ खाएं-पीएं रखा जाता है। मगर व्रती महिलाओं को इस दिन कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए। नहीं तो उन्हें व्रत का पूरा फल नहीं मिलेगा। चलिए जानते हैं उन जरूरी बातों के बारे में...
मिट्टी से जुड़ा कोई कार्य ना करें
इस दिन मिट्टी से जुड़ा कोई भी काम करने से परहेज रखना चाहिए। इसके अलावा मिट्टी से संबंधित को कार्य करने पर खुरपी का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
काले और गहरे नीले रंग के कपड़े ना पहनें
धार्मिक दृष्टी से काला व गहरा नीला रंग अशुभ माना जाता है। ऐसे में इसे किसी शुभ कार्य, त्योहार, व्रत आदि में पहनने की मनाही होती है। ऐसे में अहोई अष्टमी के दिन व्रती महिलाओं को काले व गहरे नीले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
सबसे पहले करें गणेश पूजा
भले ही यह व्रत अहोई मां के लिए रखा जाता है। मगर हर शुभ काम करने से पहले प्रथम पूजनीय गणेश जी की पूजा होती है। इसलिए आप भी व्रत पूजा करने से पहले गणेश जी को याद करें।
पूजा में इस्तेमाल की हुई साम्रगी दोबारा यूज ना करें
किसी भी पूजा में हमेशा शुद्ध चीजें इस्तेमाल की जाती है। इसलिए आप भी याद रखें कि अहोई मां की पूजा में पहले से इस्तेमाल हुई सामग्री को यूज ना करें। इसके साथ ही माता रानी को मुरझाया फूल चढ़ाने से भी बचें।
लहसुन-प्याज के बिना भोजन बनाएं
व्रत का सारा खाना बिना तेल, प्याज व लहसुन का बनता है। ऐसे में इस बात का खास ध्यान रखें।
अर्घ्य देने के लिए कांसे के लोटे का प्रयोग ना करें
इस व्रत खोलने के लिए तारा देखकर अर्घ्य दिया जाता है। ऐसे में इस दौरान खास ध्यान रखें कि आप कांसे के लोटे का इस्तेमाल ना करें। इसे अशुभ माना जाता है।
धारधार व नुकीली चीजें ना करें इस्तेमाल
व्रती महिलाओं को मिट्टी से जुड़ा काम ना करने के साथ धारदार या नुकीली चीजें जैसे चाकू, कैंची और सूई आदि का उपयोग करने से भी बचना चाहिए। इनका इस्तेमाल करना अशुभ माना जाता है।
व्रती महिलाएं सोने से बचें
इस व्रत को करवा चौथ की तरह रखा जाता है। ऐसे में अगर आप इस व्रत को रख रही है इस दौरान सोने की गलती ना करें। इसके साथ ही व्रत के दिन खासतौर पर किसी बुजुर्ग से अपशब्द बोलने से बचें।