नारी डेस्क: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर दिया है। नेपाल मूल की रहने वाली तेजकुमारी नाम की एक महिला ने अपने ही तीन मासूम बच्चों की हत्या कर खुद भी आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि तेजकुमारी ने पहले अपने पति को छोड़ दिया था और बाद में एक अन्य युवक से प्रेम कर विवाह किया था। शुरुआती जीवन सामान्य रहा, लेकिन पारिवारिक तनाव ने इस खूनी मोड़ ले लिया। अब यह सवाल सबके सामने है एक मां आखिर क्यों बनी अपने ही बच्चों की कातिल? इस घटना से इलाके में सनसनी फैल गई है और अब सभी के मन में बस एक ही सवाल है – आखिर तेजकुमारी ने ऐसा क्यों किया?
तेजकुमारी कौन थी?
तेजकुमारी नेपाल की रहने वाली थी। उनकी पहली शादी नेपाल में ही हुई थी, लेकिन किसी कारणवश उन्होंने पहले पति को छोड़ दिया। इसके बाद वह पंजाब के लुधियाना में आकर रहने लगीं, जहां वह नौकरी करती थीं। यहीं उनकी मुलाकात विकास नाम के युवक से हुई। विकास टूर एंड ट्रैवल्स का काम करता था और पहले से तलाकशुदा था। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और फिर उन्होंने शादी कर ली।
टिकरी में बसाया था नया घर और परिवार
शादी के बाद दोनों टिकरी कस्बे में रहने लगे। तेजकुमारी की पहली शादी से एक बेटी गुंजन थी। विकास से शादी के बाद उन्होंने दो और बेटियों को जन्म दिया – किट्टो और नीरा। तीनों बेटियों के साथ तेजकुमारी और विकास का जीवन सामान्य चल रहा था। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपना घर भी बनवाया था। तेजकुमारी घर की देखभाल करती थीं और बच्चों का पालन-पोषण कर रही थीं।
पिछले कुछ समय से चल रहा था पारिवारिक तनाव
परिजनों और आसपास के लोगों के अनुसार, विकास कुछ समय से घर के अंदर नहीं, बल्कि आंगन में सोने लगा था, वो भी बारिश और खराब मौसम में। इससे साफ संकेत मिलते हैं कि पति-पत्नी के बीच कोई अनबन या विवाद जरूर था। हालांकि इस बारे में विकास ने किसी से खुलकर कुछ नहीं कहा।
घटना की रात क्या हुआ?
मंगलवार रात तेजकुमारी अपने तीनों बच्चों के साथ घर के अंदर थी। अगली सुबह जब दरवाजा नहीं खुला तो परिजनों ने संदेह जताया और पुलिस को बुलाया गया। जब पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो अंदर का नज़ारा दिल दहला देने वाला था – तीनों बच्चियों की लाशें पड़ी थीं और तेजकुमारी ने भी खुदकुशी कर ली थी।
सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि कमरे का दरवाजा अंदर से ताला लगा कर बंद था, जो पुलिस के लिए भी आश्चर्य की बात है, क्योंकि आमतौर पर आत्महत्या के मामलों में केवल कुंडी लगाई जाती है, ताला नहीं।
क्या वजह थी इस खौफनाक कदम की?
अब तक इस वारदात के पीछे की वजह सामने नहीं आई है। पुलिस को शक है कि घरेलू विवाद या मानसिक तनाव इसकी बड़ी वजह हो सकती है। एसपी सूरज कुमार राय ने बताया कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। मौके पर फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य सबूतों के आधार पर सच्चाई सामने लाई जाएगी। वहीं, पुलिस विकास से भी पूछताछ कर रही है, क्योंकि जिस रात ये वारदात हुई, उस समय वह घर के बाहर सो रहा था, जो संदेह पैदा करता है।
परिवार और समाज सदमे में
यह घटना सिर्फ एक परिवार की नहीं, पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। तीन मासूम जिंदगियां बुझ गईं और एक महिला ने शायद किसी गहरे दर्द में आकर यह भयानक कदम उठाया। मूल सवाल यह है कि अगर घरेलू विवाद था, तो मदद क्यों नहीं ली गई? समाज में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक संवाद और समय पर हस्तक्षेप बेहद जरूरी हैं।
बागपत की यह घटना केवल एक अपराध नहीं, बल्कि एक पारिवारिक त्रासदी है। जब तक इस घटना की असली वजह सामने नहीं आती, तब तक सिर्फ सवाल ही बाकी हैं – एक मां अपने ही बच्चों की जान कैसे ले सकती है?
पुलिस जांच कर रही है, लेकिन यह घटना हम सभी को सोचने पर मजबूर करती है कि हमारे आसपास भी कोई दबाव या दुख में तो नहीं जी रहा?
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