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जॉब में महिलाओं से अभी भी भेदभाव, पुरुषों से 20 फीसदी कम मिलती है सैलरी

  • Edited By shukdev,
  • Updated: 26 Nov, 2018 08:31 PM
जॉब में महिलाओं से अभी भी भेदभाव, पुरुषों से 20 फीसदी कम मिलती है सैलरी

नई दिल्लीः लैंगिक समानता को लेकर जारी बहसों के बीच वैश्विक श्रम संगठन (आईएलओ) की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है कि सैलरी के मामले में अब भी महिलाओं को लिंग भेद का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें पुरुषों की तुलना में 20 फीसदी कम सैलरी मिलता है। आईएलओ की जारी रिपोर्ट के अनुसार, उच्च आय वाले देशों में बड़े पदों पर पुरुषों और महिलाओं के सैलरी का अंतर अधिक है जबकि निम्न और मध्यम आय वर्ग वाले देशों में सैलरी में लैंगिक असामानता कम सैलरी वाले पदों पर ज्यादा पाया जाता है।

PunjabKesariरिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं और पुरुषों के सैलरी में असमानता में शिक्षा के स्तर का कम योगदान है। रिपोर्ट की लेखिकाओं में से एक एवं आईएलओ की सैलरी विशेषज्ञ एवं अर्थशास्त्री रोसेलिया वास्क अल्वारेज ने बताया कि कई देशों में महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक शिक्षित हैं, लेकिन उन्हें समान तरह के क्षेत्र से जुड़े होने के बावजूद सैलरी कम मिलता है। रोसेलिया का कहना है कि उन संस्थानों या क्षेत्रों में जहां महिलाकर्मी अधिक हैं, वहां पुरुषों और महिलाओं दोनों को कम सैलरी मिलता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के काम को कमतर करके देखने की प्रवृत्ति खत्म करने से ही इस मामले में लैंगिक असमानता समाप्त की जा सकती है।

PunjabKesariमां बनने वाली महिलाओं को मिलती है कम सैलरी
आईएलओ का कहना है कि सैलरी के इस अंतर के पीछे मातृत्व भी एक कारक है। ऐसा पाया गया है कि जो महिलाएं मां बनी हैं, उन्हें अन्य महिलाओं की तुलना में कम सैलरी मिलता है। इसके पीछे काम में बाधा, काम करने के समय में कमी, महिलाओं का उनके अनुकूल क्षेत्र में कार्य करना और पदोन्नति का पिछड़ा नजरिया जैसे कारक जिम्मेदार हैं। ऐसा पाया गया है कि अगर घर की जिम्मेदारियां महिला और पुरुष के बीच बराबर-बराबर बांटी जायें तो महिलायें नौकरी के लिए अलग विकल्प चुनती हैं।

PunjabKesari136 देशों के आंकड़ों के आधार पर तैयारी की गई रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार, गत साल वैश्विक स्तर पर सैलरी विकास की दर वर्ष 2008 के बाद सबसे अधिक कम रही है। 
आईएलओ के मुताबिक, वैश्विक सैलरी विकास दर वर्ष 2016 के 2.4 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2017 में 1.8 प्रतिशत रह गई है। यह रिपोर्ट 136 देशों के आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई है।

PunjabKesariआंकड़े चौंकाने वालेः राइडर
आईएलओ के महानिदेशक गाई राइडर ने कहा कि ये आंकडे चौंकाने वाले हैं कि उच्च आय वाले देशों में एक तरफ बेरोजगारी दर घट रही है और सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि हो रही है, लेकिन दूसरी तरफ सैलरी विकास की दर घट रही है। सैलरी विकास की दर इस साल भी धीमी रहने की आशंका है। सैलरी में इस तरह की स्थिति आर्थिक विकास और जीवन स्तर में सुधार लाने के प्रयासों के लिए बाधक है।  पिछले 20 साल में उभरती अर्थव्यवस्थाओं तथा विकासशील जी20 देशों में औसत मूल सैलरी करीब तीन गुना हुआ है जबकि उन्नत जी20 देशों में यह मात्र नौ फीसदी बढ़ा है।

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