दुनिया भर में 2020 तथा 2040 के बीच प्रोस्टेट कैंसर के मामले दोगुने से अधिक होने और मौतों में 85 प्रतिशत की वृद्धि होने की आशंका है तथा इसका सर्वाधिक प्रभाव निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों (एलएमआईसी) पर पड़ सकता है। यह बात प्रोस्टेट कैंसर संबंधी लैंसेट आयोग ने कही। यह वैश्विक स्तर पर पुरुषों में होने वाला सबसे आम प्रकार का कैंसर है।
वृद्ध पुरुषों को ज्यादा खतरा
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि कम निदान और एलएमआईसी में डेटा संग्रह संबंधी अवसर चूकने के कारण वास्तविक संख्या बहुत अधिक होने की संभावना है। अनुसंधान से जुड़े लोगों ने कहा कि वृद्ध पुरुषों में प्रोस्टेट (पौरुष ग्रन्थि) कैंसर के अधिक मामले सामने आएंगे और 50 वर्ष या उससे अधिक उम्र जोखिम कारक होने के मद्देनजर जीवनशैली में बदलाव एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप आगामी वृद्धि को रोकने में सक्षम नहीं हो पाएंगे।
क्या होता है प्रोस्टेट कैंसर
अध्ययन के अनुसार, दुनिया भर में 2020 तथा 2040 के बीच प्रोस्टेट कैंसर के मामले दोगुने से अधिक होने और मौतों में 85 प्रतिशत की वृद्धि होने की आशंका है । प्रोस्टेट कैंसर जेनेटिक, मोटापे जैसे कारकों से संबंधित लोगों में अन्य लोगों की तुलना में अधिक होता है। यह अखरोट के आकार की एक छोटी ग्रंथि होती है जो पुरुषों के ब्लैडर और प्राइवेट पार्ट के बीच में स्थित होती है। आमतौर पर प्रोस्टेट कैंसर तब शुरू होता है जब प्रोस्टेट ग्रंथि में कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर होने लगती हैं।
प्रोस्टेट कैंसर की जांच करवानी जरूरी
प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती स्टेज में कोई लक्षण नहीं दिखता है। अगर कैंसर ज्यादा बढ़ जाता है तो पुरुष के रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है, मूत्राशय और मलाशय पर उनका नियंत्रण हट जाता है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि 45-50 की उम्र के बाद हर पुरुष को प्रोस्टेट कैंसर की जांच करानी चाहिए ताकि शुरुआती स्टेज में ही इसका ईलाज हो सके।