12 MAYMONDAY2025 4:45:45 PM
Nari

Pahalgam Attack: हिंदूओं पर हुए हमले के बीच मारा गया एक मुसलमान, मां-बाप ने रोकर सुनाई आपबीती

  • Edited By PRARTHNA SHARMA,
  • Updated: 23 Apr, 2025 06:46 PM
Pahalgam Attack: हिंदूओं पर हुए हमले के बीच मारा गया एक मुसलमान, मां-बाप ने रोकर सुनाई आपबीती

नारी डेस्क: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। आतंकवादियों ने टूरिस्टों के एक ग्रुप पर हमला कर दिया, जिसमें 26 सैलानियों की मौत हो गई और 12 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हमले की वजह से घाटी की शांति में डर समा गया। लेकिन इस हमले के बीच एक ऐसा किस्सा सामने आया जिसने सभी के दिलों को छू लिया। धर्म पूछकर की गई फायरिंग हमले के चश्मदीदों ने बताया कि आतंकवादी सैलानियों से उनका धर्म पूछकर उन्हें गोली मार रहे थे। यह सुनकर हर किसी का दिल दहल गया। लेकिन इसी बीच एक स्थानीय युवक ने ऐसी बहादुरी दिखाई जो इंसानियत की मिसाल बन गई।

कौन थे सैयद हुसैन शाह?

सैयद हुसैन शाह जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के पास अशमुकाम गांव के रहने वाले थे। वे पेशे से एक टूरिस्ट गाइड थे और अपने घोड़े पर सैलानियों को पहलगाम की खूबसूरत वादियों की सैर कराते थे। वे अपने परिवार के सबसे बड़े सदस्य थे और इसी काम से घर की रोजी-रोटी चलाते थे।

PunjabKesari

आतंकियों के सामने खड़ा हो गया एक कश्मीरी

चश्मदीदों के अनुसार, हमले के वक्त सैयद हुसैन शाह वहीं मौजूद थे। उन्होंने आतंकवादियों को सैलानियों को मारने से रोका और कहा कि ये मासूम लोग हैं, इनका कोई दोष नहीं है। सैयद ने आतंकियों से कहा कि टूरिस्ट कश्मीर के मेहमान हैं, उनका धर्म देखकर उन पर हमला करना गलत है। इस पर आतंकियों ने उन्हें धक्का दे दिया जिससे वे जमीन पर गिर गए।

ये भी पढ़े: Pahalgam Attack: हेलमेट पर कैमरा, हाथ में बंदूक, पूरे खूनी खेल को कैमरे में कैद कर रहे थे आतंकी

AK-47 छीनने की कोशिश में लगी गोली

जब आतंकवादी धर्म पूछकर फायरिंग करने लगे तो सैयद हुसैन शाह खुद को रोक नहीं पाए। उन्होंने एक आतंकी से भिड़ते हुए उसकी AK-47 छीनने की कोशिश की। इसी दौरान गोली चल गई और सैयद घायल हो गए। लेकिन घायल होने के बावजूद उन्होंने रायफल नहीं छोड़ी, जिससे कई हिंदू सैलानियों की जान बच गई।

घायल सैयद को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। उनके दोस्त बिलाल ने बताया कि सैयद की बहादुरी की वजह से कई लोग आज जिंदा हैं। देर रात उनका जनाजा पढ़ा गया और उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

मृतक की मां का रो-रोकर बुरा हाल

मृतक सैयद हुसैन शाह की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने नम आंखों और कांपती आवाज़ में कहा, "वह हमारा इकलौता सहारा था। घोड़ों की सवारी कर वह पूरे परिवार के लिए रोजी-रोटी कमाता था। अब हमारे पास कोई नहीं बचा जो हमारा ध्यान रख सके। हमें समझ नहीं आ रहा कि उसके बिना जिंदगी कैसे चलेगी।" शाह के चाचा शहीद बग सिंह ने भी दुख जताते हुए कहा, "आदिल हमारे परिवार का सबसे बड़ा बेटा था। उसकी पत्नी और बच्चे हैं। वह पूरे घर की रीढ़ था। अब सब कुछ उजड़ गया है। वे बहुत गरीब हैं और इस हादसे ने उन्हें पूरी तरह अकेला कर दिया है। हम सरकार से गुजारिश करते हैं कि आदिल के परिवार को मदद और सुरक्षा दी जाए, क्योंकि अब उन्हें सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।"

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by Nari (@nari.kesari1)

बहादुरी की मिसाल सैयद के दोस्त ने बताया कि अगर वो चाहते तो अपनी जान बचा सकते थे, लेकिन उन्होंने इंसानियत और कर्तव्य को चुना। उन्होंने आतंकियों से मुकाबला करके वो कर दिखाया जो बहुत कम लोग कर सकते हैं। उनका बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा।

Related News