वित्तीय संकट से घिरे शिक्षा-प्रौद्योगिकी मंच बायजू को फिर से पटरी पर लाने की कोशिशों के बीच करीब 500 कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है। नौकरी में कटौती का नवीनतम दौर बिक्री कार्यों, शिक्षकों और कुछ ट्यूशन केंद्रों को प्रभावित करेगा। वहीं दूसरी ओर इस एडटेक कपंनी बायजू के फाउंडर बायजू रवींद्रन को बड़ा झटका लगा है। फोर्ब्स की दुनिया के अरबपतियों की नई लिस्ट में उनकी नेटवर्थ जीरो आंकी गई है
बायजू रविंद्रन सालभर पहले देश के सबसे युवा अरबपतियों की लिस्ट में शामिल थे। एक साल पहले उनकी नेटवर्थ करीब 17545 करोड़ रुपये थी। अब फोर्ब्स की बिलेनियर इंडेक्स 2024 के मुताबिक रवींद्रन की नेटवर्थ गिरकर जीरो रुपये पर आ गई है। ऐसी सूचना है कि कंपनी द्वारा कुछ प्रभावित कर्मचारियों को फोन पर छंटनी की सूचना दे दी गई है। लेकिन छंटनी के संबंध में बायजू ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। कंपनी के प्रवक्ता ने एक ईमेल प्रतिक्रिया में कहा-‘‘हम परिचालन ढांचे को सरल बनाने, लागत आधार को कम करने और बेहतर नकदी प्रवाह प्रबंधन के लिए अक्टूबर, 2023 में घोषित कारोबार पुनर्गठन अभ्यास के अंतिम चरण में हैं।''
कुछ निवेशकों के साथ कानूनी विवादों में उलझी बायजू के प्रवक्ता ने कहा कि उसे उस ‘दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति' पर खेद है जिसमें कंपनी को मजबूर होना पड़ा है। बायजू ने पहले संकेत दिया था कि कारोबार सुधार की कवायद लगभग 4,500 लोगों को प्रभावित करेगी। पिछले साल अक्टूबर और नवंबर में करीब 2,500-3,000 लोगों को नौकरी से निकाला गया था। अबतक लगभग 3,000-3,500 लोगों के छंटनी से प्रभावित होने के बाद भी 1,000-1,500 लोगों की और छंटनी की आशंका बनी हुई है
बायजू ने हाल ही में अपने कर्मचारियों को मार्च का वेतन देने में देरी होने की सूचना दी थी। कंपनी कर्मचारियों को आठ अप्रैल तक वेतन देने की कोशिशों में लगी है। बता दें कि कोरोना महामारी के समय इस कंपनी ने बेहद बिजनेस। साल 2022 में इसने 22 अरब डॉलर की बड़ी वैल्युएशन हासिल कर लिया, ऐसे में कंपनी ने एक कदम और बढ़ाते हुए अमरिका में भी कदम रखा। इसके बाद से ही कंपनी के बुरे दिन शुरू हो गए।