16 APRWEDNESDAY2025 12:27:16 PM
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महिलाओं में दिखें अगर ये लक्षण तो न करें इग्नोर! समय रहते इलाज जरूरी

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 12 Apr, 2025 03:29 PM
महिलाओं में दिखें अगर ये लक्षण तो न करें इग्नोर! समय रहते इलाज जरूरी

 नारी डेस्क: आजकल महिलाओं में बच्चेदानी में गांठ की समस्या तेजी से बढ़ रही है, जो प्रजनन से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बन सकती है। यह समस्या अस्वस्थ जीवनशैली और खराब खानपान की वजह से हो रही है, जो धीरे-धीरे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का रूप ले रही है। विशेष रूप से पीसीओडी (Polycystic Ovarian Disease) के बाद ओवेरियन सिस्ट का बनना एक आम समस्या बन गई है। बच्चेदानी या ओवरी, महिलाओं के प्रजनन तंत्र का अहम हिस्सा है, जो गर्भाशय के दोनों तरफ निचले पेट में स्थित होते हैं। ओवेरियन सिस्ट की समस्या होने पर महिलाओं को कई प्रकार के लक्षण महसूस हो सकते हैं।

पेट में सूजन महसूस होना

ओवेरियन सिस्ट के कारण पेट में सूजन या हल्का दबाव महसूस हो सकता है, जिससे महिला को असहजता हो सकती है। यह सूजन कभी-कभी इतनी अधिक हो सकती है कि पेट का आकार सामान्य से बड़ा नजर आने लगता है, और यह स्थिति विशेष रूप से मासिक धर्म के दौरान या उसके आस-पास अधिक महसूस होती है। इससे महिला को चलने-फिरने में भी परेशानी हो सकती है, और वह अपने सामान्य कार्यों में पूरी तरह से सक्रिय नहीं रह पाती। यह सूजन पेट के अंदर सिस्ट के बढ़ने के कारण होती है, जिससे महिला को लगातार भारीपन या असहजता का अनुभव हो सकता है।

मल त्याग करते समय दर्द होना

ओवेरियन सिस्ट की समस्या के दौरान मल त्याग करते समय दर्द महसूस हो सकता है। यह दर्द तब अधिक होता है जब सिस्ट का आकार बड़ा हो जाता है और वह आसपास के अंगों पर दबाव डालता है। जैसे-जैसे सिस्ट बढ़ता है, वह आंतों और पेट पर दबाव डालता है, जिससे मल त्याग के दौरान तकलीफ हो सकती है। यह स्थिति महिला को मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान कर सकती है, क्योंकि यह दर्द सामान्य रूप से हर दिन के जीवन में शामिल कार्यों को भी प्रभावित करता है।

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मासिक धर्म से पहले पैल्विक दर्द

ओवेरियन सिस्ट की वजह से महिलाओं को मासिक धर्म से पहले पैल्विक क्षेत्र में तेज दर्द का सामना करना पड़ सकता है। यह दर्द कभी हल्का तो कभी तीव्र हो सकता है और महिला के दैनिक जीवन को प्रभावित करता है। कुछ महिलाओं में यह दर्द इतना बढ़ सकता है कि वे सामान्य कार्यों में भी परेशानी महसूस करती हैं। यह दर्द आमतौर पर मासिक धर्म की शुरुआत के कुछ दिन पहले होता है, और फिर मासिक धर्म शुरू होने के बाद कुछ हद तक कम हो जाता है, लेकिन कभी-कभी यह लगातार बना रहता है।

संभोग के दौरान दर्द

ओवेरियन सिस्ट के कारण महिलाओं को संभोग के दौरान भी दर्द महसूस हो सकता है, खासकर जब सिस्ट अधिक बढ़ गया हो। यह दर्द पेल्विक क्षेत्र में गहरी और तीव्रता से महसूस होता है, जो संभोग के अनुभव को कठिन और असहज बना देता है। कभी-कभी यह दर्द संभोग के बाद भी कुछ समय तक बना रहता है और महिलाओं को मानसिक और शारीरिक परेशानी का कारण बन सकता है। यदि यह दर्द लगातार महसूस हो, तो डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।

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पीठ के निचले हिस्से या जांघों में दर्द

ओवेरियन सिस्ट के कारण पीठ के निचले हिस्से या जांघों में भी दर्द हो सकता है। जब सिस्ट बढ़ता है, तो वह शरीर के अन्य हिस्सों में भी दबाव डालता है, जिससे यह दर्द महसूस होता है। यह दर्द धीरे-धीरे एक स्थान से दूसरे स्थान तक फैल सकता है, और कभी-कभी यह इतना तेज हो सकता है कि महिला को सामान्य कार्यों में भी परेशानी हो। यह दर्द खासकर सिस्ट के आकार में वृद्धि होने पर अधिक बढ़ता है और यह महिला के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।

स्तनों में दर्द

ओवेरियन सिस्ट के कारण हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो स्तनों में सूजन और दर्द का कारण बनता है। यह दर्द विशेष रूप से मासिक धर्म के दौरान बढ़ सकता है, क्योंकि इस समय हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जो स्तन ऊतक को प्रभावित करते हैं। कभी-कभी यह दर्द बिना मासिक धर्म के भी हो सकता है, और स्तनों में लगातार खिंचाव या दर्द महसूस हो सकता है। यदि यह दर्द लगातार होता है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है।

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बुखार आना

यदि ओवेरियन सिस्ट संक्रमित हो जाता है या उसमें सूजन आ जाती है, तो इसके कारण शरीर में बुखार आ सकता है। यह बुखार सामान्य बुखार से अधिक हो सकता है, और शरीर में कमजोरी, थकावट और सिरदर्द की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। महिला को अचानक बुखार के साथ-साथ ठंड या कांपने की समस्या भी हो सकती है। यदि यह लक्षण लगातार बनी रहती है, तो यह संकेत हो सकता है कि सिस्ट में संक्रमण हो चुका है और उपचार की आवश्यकता है।

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बेहोशी या चक्कर आना

ओवेरियन सिस्ट के कारण शरीर में असंतुलन आ सकता है, जिससे महिलाओं को बेहोशी या चक्कर आ सकते हैं। यह समस्या अक्सर तब महसूस होती है जब सिस्ट का आकार बहुत बढ़ जाता है, या सिस्ट के कारण रक्तस्राव होता है, जिससे रक्तचाप कम हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप, महिला को अचानक चक्कर आ सकते हैं या वह बेहोश हो सकती है। यह स्थिति खतरनाक हो सकती है, इसलिए ऐसे लक्षणों के出现 पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

तेज-तेज सांस लेना

ओवेरियन सिस्ट के कारण शरीर में तनाव बढ़ सकता है, जिससे श्वसन प्रणाली प्रभावित होती है। इसका परिणामस्वरूप महिलाओं को सांस लेने में परेशानी हो सकती है और उन्हें तेज-तेज सांस लेने की समस्या हो सकती है। यह समस्या आमतौर पर तब होती है जब सिस्ट का आकार बड़ा हो जाता है और वह आसपास के अंगों पर दबाव डालता है, जिससे महिला की सांस लेने की प्रक्रिया प्रभावित होती है। यदि यह समस्या गंभीर हो जाए, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

जी मिचलाना

ओवेरियन सिस्ट के कारण हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे महिलाओं को जी मिचलाने की समस्या हो सकती है। यह लक्षण आमतौर पर सुबह के समय अधिक महसूस होता है, और कई बार उल्टी की स्थिति भी बन सकती है। हार्मोनल बदलाव के कारण पेट में असंतुलन हो सकता है, जिससे महिलाओं को मितली और उल्टी जैसी समस्या होती है। अगर यह लक्षण अधिक समय तक रहे, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है, ताकि इसका सही इलाज किया जा सके।

ओवेरियन सिस्ट के कारण

ओवेरियन सिस्ट तब बनते हैं जब अंडाणु (फॉलिकल) का आकार पीरियड्स के बाद बढ़ता जाता है और ओवरी में सिस्ट के रूप में विकसित हो जाता है। अधिकांश सिस्ट हानिकारक नहीं होते और समय के साथ खुद ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ मामलों में अगर सिस्ट बड़ा हो जाए या उसका आकार बढ़ने लगे, तो यह महिला को शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान कर सकता है। सिस्ट के कारण दर्द, मासिक धर्म में अनियमितता और अन्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनका इलाज समय पर किया जाना आवश्यक है।

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ओवेरियन सिस्ट से बचाव के उपाय

प्राणायाम और योगाभ्यास: रोजाना योग और प्राणायाम से शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं, जिससे ओवेरियन सिस्ट होने की संभावना कम होती है।

संतुलित आहार: अपनी डायट में प्रोटीन को शामिल करें। यह शरीर की सेहत के लिए जरूरी है और सिस्ट के आकार को बढ़ने से रोकता है।

रेशेदार फल और हरी पत्तेदार सब्जियां: इनका सेवन करें, क्योंकि ये शरीर को साफ रखते हैं और पेट के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।

पानी का सेवन: दिन भर में पर्याप्त पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है, जो ओवेरियन सिस्ट के जोखिम को कम करता है।

जल्दी सोना और जल्दी उठना: रात को समय पर सोने और सुबह जल्दी उठने से शरीर की प्राकृतिक रचनाओं को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है।

घर में बने व्यंजन खाएं: घर का खाना हमेशा स्वस्थ और ताजगी से भरा होता है, जो ओवेरियन सिस्ट जैसी समस्याओं से बचने में मदद करता है।

यदि ओवेरियन सिस्ट के लक्षण दिखें या दर्द महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि सही समय पर इलाज किया जा सके और भविष्य में किसी बड़ी समस्या से बचा जा सके।

Disclaimer: यह जानकारी सामान्य जागरूकता के लिए है, कृपया किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर से परामर्श लें।


 

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