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क्या आप भी खा रहे हैं नकली केसर? जानें कैसे करें पहचान

  • Edited By PRARTHNA SHARMA,
  • Updated: 14 Apr, 2025 06:38 PM
क्या आप भी खा रहे हैं नकली केसर? जानें कैसे करें पहचान

नारी डेस्क: केसर, जिसे जाफरान भी कहा जाता है एक बेहद फायदेमंद और खुशबूदार मसाला है। इसका उपयोग न केवल भोजन और मिठाइयों में बल्कि त्वचा की देखभाल और स्वास्थ्य लाभों के लिए भी किया जाता है। आयुर्वेद में इसे विशेष रूप से इम्युनिटी बढ़ाने और त्वचा को निखारने के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। हालांकि, जैसे-जैसे केसर की मांग बढ़ी है, वैसे-वैसे बाजार में नकली और मिलावटी केसर की संख्या भी बढ़ गई है। नकली केसर ना केवल आपके पैसे की बर्बादी है बल्कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक हो सकता है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि असली और नकली केसर में क्या अंतर है। इस लेख में हम आपको 5 आसान टिप्स बताएंगे, जिनकी मदद से आप असली और नकली केसर में फर्क कर सकते हैं।

रंग छोड़े या नहीं?

असली केसर का एक गुण यह है कि यह तुरंत रंग नहीं छोड़ता। जब आप असली केसर को पानी या दूध में डालते हैं, तो यह धीरे-धीरे रंग छोड़ता है और इसमें खुशबू भी बनी रहती है। इसे रंग छोड़ने में लगभग 10-15 मिनट का समय लगता है। अगर आप नकली केसर को पानी में डालते हैं तो यह तुरंत गहरा रंग छोड़ता है, जो कि किसी केमिकल या डाई का संकेत होता है। नकली केसर को अक्सर रंग के लिए केमिकल मिलाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए, अगर आप किसी भी प्रकार का केसर खरीदने जा रहे हैं तो पहले उसे पानी या दूध में डालकर देख लें ताकि आप यह जांच सकें कि वह असली है या नहीं।

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खुशबू से पहचानें

केसर की खुशबू भी इसे पहचानने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। असली केसर की खुशबू हल्की-सी मीठी होती है जिसमें मिट्टी जैसा थोड़ा सा प्रभाव होता है। इसमें हनी (शहद) और थोड़ी घास जैसी महक भी महसूस होती है। इसके विपरीत, नकली केसर में या तो कोई खुशबू नहीं होती, या फिर उसमें तीखा और केमिकल जैसा गंध आता है। अगर आपको खरीदते समय केसर से कोई खास खुशबू नहीं आ रही है या उसके अंदर केमिकल जैसी महक है, तो समझ जाइए कि यह नकली हो सकता है।

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पानी में घोलने पर रेशे रह जाएं

असली केसर को जब आप पानी में डालते हैं और थोड़ी देर बाद मसलते हैं, तो इसके रेशे पानी में घुलते नहीं हैं और वैसे के वैसे बने रहते हैं। इसके रेशे पानी में टूटते नहीं हैं और न ही यह पूरी तरह घुलते हैं। वहीं, नकली केसर को पानी में डालने पर वह पूरी तरह से घुल सकता है या टूट कर गायब हो सकता है। यदि आप देख रहे हैं कि केसर पानी में डालते ही गायब हो रहा है या उसके रेशे टूट रहे हैं तो यह एक संकेत है कि वह नकली हो सकता है।

कीमत देखकर समझें

केसर बहुत महंगा होता है, और इसकी कीमत कभी भी बहुत सस्ती नहीं हो सकती। असली केसर की कीमत सामान्यतः: बहुत ज्यादा होती है, क्योंकि इसे एकत्रित करने की प्रक्रिया जटिल होती है। अगर आपको बहुत सस्ते दामों में केसर मिल रहा है तो समझ जाइए कि उसमें कुछ गड़बड़ है। सस्ते केसर का मतलब है कि उसमें मिलावट हो सकती है, और यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

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ब्रांड और पैकेजिंग चेक करें

जब भी आप केसर खरीदें तो हमेशा किसी भरोसेमंद और प्रतिष्ठित ब्रांड का ही केसर लें। लोकल बाजारों में बिकने वाला खुला हुआ केसर या बिना पैकिंग वाला केसर आपके लिए खतरनाक हो सकता है। हमेशा पैकिंग पर ध्यान दें, और सुनिश्चित करें कि उसमें FSSAI (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) का नंबर, मैन्युफैक्चरिंग डेट और ब्रांड का नाम साफ़-साफ़ लिखा हो। पैकिंग पर इन जानकारियों का होना यह सुनिश्चित करता है कि केसर उच्च गुणवत्ता का है और आपको सुरक्षित रूप से मिल रहा है।

असली और नकली केसर में फर्क पहचानना बेहद जरूरी है, क्योंकि नकली केसर ना केवल आपके पैसे की बर्बादी है, बल्कि यह आपके स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकता है। तो इन टिप्स को ध्यान में रखें और केवल असली केसर ही खरीदें।


 

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