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पैदा होते ही जरूर करवाएं शिशु के ये Test, नहीं तो बाद में होगा पछतावा

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 10 Apr, 2025 07:50 PM
पैदा होते ही जरूर करवाएं शिशु के ये Test, नहीं तो बाद में होगा पछतावा

 नारी डेस्क: जब कोई बच्चा जन्म लेता है, तो वह अपने साथ ढेर सारी उम्मीदें और खुशियां लाता है। लेकिन साथ ही यह भी जरूरी हो जाता है कि उसकी सेहत का विशेष ध्यान रखा जाए, ताकि आने वाले समय में कोई परेशानी न हो। शिशु के जन्म के तुरंत बाद कुछ जरूरी टेस्ट करवा लेना बहुत फायदेमंद होता है। ये टेस्ट यह सुनिश्चित करते हैं कि बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है या नहीं और अगर कोई समस्या है, तो उसका समय रहते इलाज शुरू किया जा सके। चलिए, आसान भाषा में जानते हैं उन ज़रूरी टेस्ट्स के बारे में, जो नवजात बच्चे के जन्म के तुरंत बाद जरूर करवा लेने चाहिए।

एपीगार स्कोर टेस्ट (APGAR Test)

यह टेस्ट बच्चे के जन्म के 1 मिनट और 5 मिनट बाद किया जाता है। इसका उद्देश्य यह जानना होता है कि शिशु की तुरंत स्वास्थ्य स्थिति कैसी है। इसमें 5 चीजें देखी जाती हैं - दिल की धड़कन, सांस लेने की क्षमता ,मांसपेशियों की ताकत ,रिफ्लेक्स (प्रतिक्रिया देने की क्षमता)।

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त्वचा का रंग

हर चीज को 0 से 2 तक स्कोर दिया जाता है और कुल स्कोर 10 होता है। अगर स्कोर 7 या उससे ऊपर है, तो बच्चा स्वस्थ माना जाता है।

न्यूबॉर्न स्क्रीनिंग टेस्ट (Newborn Screening Test)

यह एक ब्लड टेस्ट होता है जो बच्चे की एड़ी (हील) से कुछ बूंद खून लेकर किया जाता है। यह टेस्ट 50 से ज्यादा जेनेटिक (अनुवांशिक) और हार्मोनल बीमारियों की जांच करता है, जैसे-

हाइपोथायरायडिज्म (थायरॉइड की समस्या)

फिनाइलकेटोनूरिया (PKU)

सिकल सेल एनीमिया

गैलैक्टोसीमिया

इन बीमारियों का लक्षण शुरू में नहीं दिखता, लेकिन बाद में गंभीर रूप ले सकता है। इसलिए यह टेस्ट बहुत जरूरी है।

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हियरिंग टेस्ट (Hearing Test)

बच्चे के सुनने की क्षमता की जांच के लिए यह टेस्ट किया जाता है। अगर समय रहते सुनने की कमजोरी पकड़ में आ जाए, तो जल्दी इलाज और स्पीच थेरेपी शुरू की जा सकती है। यह टेस्ट बिल्कुल दर्द रहित होता है और मशीनों की मदद से किया जाता है।

जौंडिस टेस्ट / बिलिरुबिन टेस्ट (Bilirubin Test)

नवजात बच्चों में पीलिया होना आम है, लेकिन कभी-कभी यह ज्यादा हो जाता है और ब्रेन को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए जन्म के कुछ घंटे बाद बिलिरुबिन लेवल की जांच जरूरी होती है। समय रहते यह पता चलने पर इलाज आसान हो जाता है।

 पल्स ऑक्सीमेट्री टेस्ट (Pulse Oximetry Test)

इस टेस्ट से यह देखा जाता है कि बच्चे के शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा सही है या नहीं। कम ऑक्सीजन लेवल कुछ जन्मजात हृदय रोगों का संकेत हो सकता है। इस टेस्ट में एक छोटा सा डिवाइस बच्चे की उंगली या पैर पर लगाया जाता है, जो पूरी तरह सुरक्षित होता है।

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क्यों जरूरी हैं ये टेस्ट?

कुछ बीमारियों के लक्षण जन्म के समय नजर नहीं आते, लेकिन आगे चलकर समस्या बन सकते हैं। जल्दी जांच होने से इलाज समय पर शुरू किया जा सकता है। शारीरिक और मानसिक विकास में कोई रुकावट नहीं आती। बच्चों का भविष्य बेहतर और स्वस्थ बनता है।

शिशु के जन्म के तुरंत बाद ये पांच टेस्ट कराना उसके अच्छे स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य के लिए बहुत जरूरी हैं। ये छोटे-छोटे कदम बड़ी समस्याओं से बचा सकते हैं। अगर आप माता-पिता बनने जा रहे हैं या किसी को यह जानकारी देना चाहते हैं, तो इन बातों को जरूर साझा करें।
 

 

 

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