नारी डेस्क:आजकल हार्ट अटैक का एक नया और खतरनाक रूप सामने आया है, जिसे साइलेंट अटैक कहते हैं। यह बिना किसी स्पष्ट लक्षण के आता है और अचानक दिल के दौरे का कारण बन सकता है। हाल ही में महाराष्ट्र के धाराशिव में एक कॉलेज फेयरवेल के दौरान, एक छात्रा को साइलेंट हार्ट अटैक आया और वह मंच पर ही गिरकर जिंदगी की जंग हार गई। इस दर्दनाक घटना ने सवाल उठाए हैं कि क्यों अब छोटी उम्र में भी साइलेंट हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं, और इसके पीछे कौन से कारण हो सकते हैं। क्या यह मानसिक तनाव, अस्वस्थ जीवनशैली, या अन्य बीमारियों का परिणाम है? आइए जानते हैं इस गंभीर मुद्दे पर विस्तार से।
साइलेंट हार्ट अटैक क्या है?
साइलेंट हार्ट अटैक, जैसा कि नाम से ही समझ आता है, वह हार्ट अटैक है जो बिना किसी स्पष्ट लक्षण के होता है। इसका मतलब है कि व्यक्ति को हार्ट अटैक के बारे में पता नहीं चलता और उसे किसी तरह के दर्द या संकेत भी नहीं मिलते। यह स्थिति बहुत खतरनाक है क्योंकि लोग इसे पहचान नहीं पाते और इलाज समय पर नहीं हो पाता।
छोटी उम्र में साइलेंट अटैक क्यों बढ़ रहा है?
हाल के दिनों में यह देखा गया है कि छोटी उम्र में भी साइलेंट हार्ट अटैक के मामले बढ़ने लगे हैं। इसके कुछ प्रमुख कारण हैं:
तनाव और मानसिक दबाव
आजकल के छात्रों और युवाओं में मानसिक दबाव बहुत बढ़ गया है। कॉलेज और स्कूलों में बेहतर रिजल्ट लाने का दबाव, परिवार की उम्मीदें, और भविष्य की चिंता लोगों को मानसिक रूप से परेशान करती हैं। यह तनाव सीधे तौर पर दिल की सेहत पर असर डालता है।
खराब जीवनशैली
असंतुलित आहार, जंक फूड का सेवन, समय पर न सोना और समय पर न खाना जैसे कारण शरीर को कमजोर करते हैं। इसके अलावा, शारीरिक गतिविधियों की कमी भी सेहत पर नकारात्मक असर डालती है।

फिजिकल और मेंटल स्ट्रेस
आजकल के युवा अधिक शारीरिक और मानसिक दबाव में रहते हैं। लंबा समय तक पढ़ाई करना, सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताना, और देर रात तक जागना इन सब कारणों से स्ट्रेस बढ़ता है।
मेडिकल कंडीशन
अगर किसी व्यक्ति को पहले से हाई ब्लड प्रेशर, शुगर या कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, तो उसे साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट्स भी दिल पर बुरा असर डाल सकते हैं।अगर किसी व्यक्ति के परिवार में हार्ट अटैक का इतिहास रहा हो, तो उसे भी इस तरह के अटैक का खतरा अधिक रहता है।
साइलेंट अटैक के लक्षण
साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण सामान्य हार्ट अटैक से अलग होते हैं। इसमें व्यक्ति को अचानक से सीने में दर्द या सांस लेने में तकलीफ महसूस नहीं होती। इसके बजाय, व्यक्ति को केवल थकान, कमजोरी, चक्कर आना, या अचानक से घबराहट महसूस हो सकती है, जो बाद में हार्ट अटैक का संकेत हो सकते हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
डॉक्टरों का मानना है कि साइलेंट हार्ट अटैक बेहद खतरनाक है, क्योंकि यह बिना किसी चेतावनी के आता है। यदि किसी व्यक्ति को डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, या कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं हैं, तो उसे इस खतरे का ज्यादा सामना हो सकता है। इसके अलावा, धूम्रपान, शराब और अस्वास्थ्यकर आहार भी इस खतरे को बढ़ा सकते हैं।
साइलेंट अटैक से बचने के उपाय
स्वस्थ आहार: हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स वाले आहार का सेवन करें।
नियमित व्यायाम: हर दिन कम से कम 30 मिनट तक शारीरिक गतिविधियों में शामिल हों। यह दिल की सेहत के लिए बेहद लाभकारी है।
तनाव कम करें: मानसिक शांति के लिए योग, ध्यान, या कोई भी रिलैक्सिंग एक्टिविटी करें।
धूम्रपान और शराब से बचें: इन आदतों को छोड़ने से दिल की सेहत बेहतर होती है।
ब्लड प्रेशर और शुगर का ध्यान रखें: अपने ब्लड प्रेशर और शुगर के स्तर को नियंत्रित रखें, और नियमित रूप से चेकअप करवाएं।
साइलेंट हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों को लेकर सजग रहना जरूरी है। मानसिक तनाव, खराब लाइफस्टाइल, और चिकित्सा समस्याएं इसके प्रमुख कारण हैं। अगर हम सही आहार, नियमित व्यायाम और तनाव कम करने की आदत डालें तो हम इस घातक स्थिति से बच सकते हैं।