नारी डेस्क: आयुर्वेद में गिलोय को एक चमत्कारी औषधि माना गया है। यह शरीर की कई समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है। खासकर गर्मियों के मौसम में गिलोय का जूस पीना सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व हमारे शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं और कई बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। गिलोय को संस्कृत में अमृता भी कहा जाता है जिसका मतलब होता है, अमरता देने वाली। यह नाम ही इसके औषधीय गुणों का प्रमाण है। गिलोय का जूस सिर्फ एक साधारण पेय नहीं है, बल्कि ये गर्मियों में सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। चलिए जानते हैं कि गिलोय का जूस कैसे बनाया जाता है और इसके क्या-क्या फायदे हैं।
गिलोय का जूस बनाने का आसान तरीका
1. गिलोय के पौधे से कुछ ताजी टहनियां तोड़ लीजिए। अब इन टहनियों को अच्छे से पानी से धो लीजिए ताकि इन पर लगी धूल-मिट्टी हट जाए।
2. अब इन टहनियों की बाहरी परत (आउटर स्किन) को खुरच कर हटा दीजिए। अंदर से आपको ग्रीन और फ्रेश हिस्सा दिखने लगेगा जो सबसे अधिक फायदेमंद होता है।
3. गिलोय की टहनियों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लीजिए ताकि इन्हें ब्लेंड करना आसान हो जाए।
4. अब इन टुकड़ों को ब्लेंडर में डालिए। इसमें एक कप साफ पानी मिला लीजिए और इसे अच्छी तरह से ब्लेंड कर लीजिए।

5. जब मिश्रण अच्छी तरह से ब्लेंड हो जाए, तो इसे एक बारीक छलनी से छान लीजिए। आपका ताज़ा और पोषक गिलोय जूस तैयार है।
गिलोय जूस पीने के फायदे
डिहाइड्रेशन से बचाव: गर्मी में शरीर से पसीने के रूप में काफी पानी निकल जाता है। गिलोय का जूस पीने से शरीर में पानी की कमी दूर होती है और आप हाइड्रेटेड रहते हैं।
डेंगू और मलेरिया में मददगार: डेंगू और मलेरिया जैसे वायरल बुखार में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है। ऐसे में गिलोय का जूस पीने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करता है।
इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए: गिलोय इम्यून सिस्टम को मज़बूत करता है, जिससे शरीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनता है। अगर आप बार-बार बीमार पड़ते हैं तो गिलोय का जूस जरूर पिएं।\

पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद: गिलोय का रस पाचन सुधारने में भी सहायक होता है। अगर आपको कब्ज, गैस या एसिडिटी की समस्या रहती है, तो इसका सेवन लाभदायक हो सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी प्रकार की बीमारी में गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। हर किसी की बॉडी टाइप और मेडिकल कंडीशन अलग होती है, इसलिए बिना परामर्श के कोई नया उपाय अपनाना नुकसानदायक हो सकता है।