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मुलाकात ही नहीं आखिरी बात भी रह गई अधूरी, धर्मेंद्र ने लता जी को फोन तो मिलाया लेकिन नहीं हो पाई

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 12 Feb, 2022 05:35 PM
मुलाकात ही नहीं आखिरी बात भी रह गई अधूरी, धर्मेंद्र ने लता जी को फोन तो मिलाया लेकिन नहीं हो पाई

लता मंगेशकर दुनिया को अलविदा कह गई लेकिन उनकी यादें हमेशा हर किसी के दिल में रहेंगी। उन्हें अंतिम विदाई देने बॉलीवुड के कई नामी स्टार्स से लेकर राजनेतिक नेता पहुंचे लेकिन एक्टर धर्मेंद्र नहीं पहुंच पाए। धर्मेंद्र और लता के बीच भाई-बहन का रिश्ता था लेकिन वह उन्हें आखिरी विदाई देने तक पहुंच पाए। यही नहीं, धर्मेंद्र की लता जी के साथ आखिरी बात भी अधूरी रह गई।

लता जी के अंतिम संस्कार में क्यों नहीं पहुंचे धर्मेंद्र?

धर्मेंद्र जी ने बताया कि वह लता जी के अंतिम संस्कार में जाने के लिए 3 बार तैयार हुए लेकिन वह ऐसा कर नहीं पाए। नामी वेबसाइट ईटाइम्स से की बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, 'मैं बहुत अनकंफर्टेबल और असहज था। दीदी के अंतिम संस्कार पर जाने के लिए मैं एक नहीं, बल्कि 3 बार तैयार हुआ लेकिन फिर हर बार मैंने खुद को पीछे खींच लिया। मैं उन्हें हमें छोड़कर जाते हुए नहीं देखना चाहता था। लता दीद के निधन की खबर सुनने के बाद मैं बहुत असहज महसूस कर रहा था।'

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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धर्मेंद्र और लता जी पिछले 3-4 सालों से एक-दूसरे के साथ फोन के जरिए बात करते थे। दोनों के बीच काफी बातें होती थीं लता दीदी संग उनकी आखिरी बात अधूरी रह गई थी। धर्मेंद्र ने नामी वेबसाइड आजतक के साथ खुलाया करते हुए कहा कि उन्होंने लता जी से फोन के जरिए बात करने की कोशिश की थी। उन्होंने अस्पताल में फोन लगाया था क्योंकि डॉक्टर उनका दोस्त था।

उन्होंने कहा, "मैंने कहा लता जी से हैलो करवा दो तो डॉक्टर ने उषा जी को फोन दिया। उन्होंने कहा, वो अभी बात नहीं कर पाएंगी, अभी उन्हें गले से सांस दी जा रही है। फिर मैंने कहा अच्छा रहने दो। फिर बात नहीं हो पाई। कोशिश तो मैंने की। वो प्यारे लम्हें हमेशा याद रहेंगे।

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लता के नाम धर्मेंद्र का आखिरी संदेश

 लता दीदी के नाम आखिरी संदेश देते हुए धर्मेंद्र ने कहा, "लता जी काश यादों में जान होती, आवाज देकर बुला लेता, पास बैठा लेता आपकी सुनता अपनी सुनाता। बहुत याद आएंगी आप, बहुत ज्यादा। अगर यादों में जान हो ता मैं तो बुला लूं।"

आगे उन्होंने कहा, "लता दीदी मुझे 3-4 साल कोई ना कोई गिफ्ट भेजती रहती थीं। वो साफ साफ बातों को कह देती थीं, दिल में नहीं रखती थीं। उनके दिल में मेरे लिए बहुत प्यार था। उनकी कमी कोई पूरी नहीं कर सकता। लता दीदी मेरे बच्चों और फैमिली के बारे में भी पूछती थी।"

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