कोरोना वायरस से अभी भी दुनिया को आजादी नहीं मिल पाई है। इसके केस लगातार आ रहे हैं और इससे मरने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। इस वायरस को एक साल से ज्यादा समय हो चला है लेकिन इससे अभी तक पीछे नहीं छूट पाया है। तमाम देशों में इसकी वैक्सीनेशन की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है लेकिन चिंता तो तब बढ़ रही है क्योंकि कुछ लोग वैक्सीन से भी मर रहे हैं। भारत में भी आने वाली 16 तारीख को वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। वहीं इस वायरस पर कईं तरह के शोध भी सामने आ रहे हैं और हाल ही में इस पर एक और शोध सामने आया है जिसमें बताया गया है कि भविष्य में कोरोना का रूप कैसा होगा।
भविष्य में मामूली सर्दी-जुकाम वाला वायरस बन जाएगा
दरअसल हाल ही में एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि आगे चलकर भविष्य में कोरोना वायरस एक ऐसा वायरस बन जाएगा जो काफी मामूली होगा। शोध में यह भी कहा गया है कि आने वाले समय में यह खतरनाक वायरस मामूली सर्दी जुकाम वाला वायरस बन जाएगा।
बच्चे तीन से पांच वर्ष तक की आयु में ही हो जाएंगे संक्रमित
इस शोध में यह बात भी सामने आई है कि बचपन में हुआ यह संक्रमण आयु बढ़ने पर गंभीर बीमारी से रक्षा करता है। इतना ही नहीं आने वाले समय में सार्स-सीओवी-2 एक ऐसा संक्रमण बन सकता है जिससे बच्चे तीन से पांच वर्ष तक की आयु में ही संक्रमित हो जाएंगे। और जब ऐसा होगा तब यह वायरस मामूली बन जाएगा। शोध में यह बात भी सामने आई है कि लोग बड़े होने पर भी इससे संक्रमित हो सकते हैं लेकिन बचपन में इस वायरस से संक्रमित हो जाने के कारण उनमें इसके खिलाफ रोग प्रतिरोधी क्षमता विकसित हो चुकी होगी।
इम्युनिटी पर भी सामने आया नया शोध
यह वायरस जब से आया है तब से इस पर कईं तरह के शोध किए जा चुके हैं। एक दूसरे शोध में यह बात सामने आई है कि इस वायरस का संक्रमण होने के बाद कुछ ऐसे खास लक्षण हैं जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि व्यक्ति की इम्यूनिटी लंबे समय तक बनी रहेगी। दरअसल यह शोध अमेरिका की विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी ने किया है और इसमें दावा किया है कि अगर संक्रमण के दौरान पेट में ऐंठन, डायरिया, भूख न लगना और पेट में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं तो वायरस के प्रति इम्युनिटी यानी इससे लड़ने की क्षमता लम्बे समय तक बनी रहेगी।
भारत में शनिवार को होगा वैक्सीनेशन
वैक्सीन को लेकर बाकी देशों की तरह भारत ने भी कमर कस ली है और आने वाली 16 तारीख को पूरे देश में वैक्सीनेशन लगाई जाएगी। वहीं इस वैक्सीन से कुछ लोगों को चेताया भी गया है कि वह इस वैक्सीन को सोच समझकर लगाएं जैसे कि प्रेग्रेंट महिलाएं, एलर्जी की समस्या वाले, ब्रेस्ट फीडिंग वाली महिलाएं।